सहारनपुर का एसबीडी जिला अस्पताल एक बार फिर सुर्खियों में है. मंगलवार को प्रमुख अधीक्षिका डॉ. सुधा और दो सर्जन डॉ. शिवेंद्र व डॉ. सीपी रोशन आमने-सामने आ गए. मामला मरीजों की बेड हेड टिकट (BHT) से शुरू हुआ और देखते ही देखते ऑफिस जंग का अखाड़ा बन गया. सर्जिकल वार्ड में भर्ती गंभीर मरीजों की BHT प्रमुख अधीक्षिका डॉ. सुधा उठा ले गईं. जब सर्जन मरीजों की जांच करने पहुंचे तो BHT गायब मिली.
नर्स ने बताया कि प्रमुख अधीक्षिका ही फाइलें ले गई हैं. इस पर सर्जन नाराज होकर बिना मरीज देखे लौट गए. उनका कहना था कि मरीजों की पूरी डिटेल BHT में रहती है, ऐसे में इलाज असंभव है।इसके बाद दोनों डॉक्टर सीधे प्रमुख अधीक्षिका के ऑफिस पहुंचे और सवाल किया. आरोप है कि डॉ. सुधा ने तल्ख लहजे में कहा-तुम मेरे ऑफिस में क्यों आए हो, निकलो यहां से। इस पर डॉ. शिवेंद्र का पारा चढ़ गया और दोनों सर्जन भड़क गए.
डॉ. शिवेंद्र और डॉ. सीपी रोशन का आरोप है कि प्रमुख अधीक्षिका जानबूझकर सर्जरी विभाग को निशाना बना रही हैं. बारिश के दौरान छत टपकने की जिम्मेदारी भी उन पर डाल दी गई थी. कभी नर्सों से झगड़े का आरोप लगाया जाता है, जबकि नर्सों ने खुद कह दिया कि बदसलूकी नहीं हुई. डॉक्टरों का आरोप है कि ऑपरेशन के औजार और दवाइयां समय पर नहीं दी जातीं, जिससे मरीजों का इलाज प्रभावित होता है. डॉ. सुधा ने जवाब दिया कि मरीज शिकायत कर रहे हैं कि डॉक्टर देखने नहीं आते, केवल नर्स इंजेक्शन लगाकर चली जाती है. उन्होंने दोनों सर्जनों पर आरोप लगाया कि आप लोगों ने अस्पताल का माहौल खराब कर रखा है।इस पर डॉक्टरों ने पलटवार करते हुए कहा-अगर हम काम नहीं करते तो हमें नौकरी से ही निकलवा दीजिए. सबसे ज्यादा ऑपरेशन हम ही करते हैं. जबकि डॉ. सुधा का कहना है कि उनके पास रिकॉर्ड है कि मरीजों को समय पर नहीं देखा जाता और ऑपरेशन के लिए दवाइयों का भी संकट बना रहता है.
सर्जिकल वार्ड में भर्ती मरीजों से जब बातचीत की तो कुछ ने कहा कि डॉक्टर देखने आते हैं और उसके बाद दवाई और इंजेक्शन लगते हैं. वे दवाई लिखते हैं. लेकिन कुछ मरीजों ने का कहना है कि वे 16 अगस्त से भर्ती है कोई भी इलाज करने के लिए नहीं आया है. बस नर्स आती है, दवाई और इंजेक्शन लगाकर चली जाती है.