मस्जिदों, पूजास्थल और वक्फ की सुरक्षा के लिए हर प्रकार से संघर्ष करने की घोषणा की और जमीअत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद असद मदनी के नेतृत्व ने आंदोलन का ऐलान किया है और इस मसले पर टिप्पणी की है. महाकुंभ में साधु-संतों का जमावड़ा लगने लगा है. मदनी के बयान पर साधु-संतों ने तीखी प्रतिक्रिया जताई है. बता दें कि मदनी ने अपने बयान में कहा है कि देश के मौजूदा हालात बहुत चिंताजनक है. नफरत का माहौल बढ़ रहा है. यह न केवल कानून-व्यवस्था के लिए खतरा बल्कि सामाजिक सौहार्द को भी नुकसान पहुंचा रहा है.
संतों ने कहा है कि जिस तरह हमने कानून का रास्ता अपनाते हुए अयोध्या लिया है. इसी तरह हम अन्य जगह भी कानून का रास्ता अपनाएंगे, फिर वह चाहे मथुरा हो, काशी हो या वाराणसी हो.
उन्होंने बयान के बारे में टिप्पणी की कि ऐसी बात बोलने से पहले ये समझ लेना चाहिए कि आज हर व्यक्ति ये जान गया है कि हमारा स्वरूप क्या है? हम लोग कानून में विश्वास रखते हैं और हम कानून परंपरा को मानने वाले लोग हैं.
काशी और मथुरा भी लेंगे, संतों ने भरी हुंकार
उन्होंने कहा कि जो हथियार नहीं उठाते लेकिन जिस तरह नियम से राम मंदिर लिया, काशी विश्वनाथ ले रहे हैं और इसी नियम से बनारस, मथुरा भी लेंगे.
इसके अलावा संभल की स्थिति के बारे में उन्होंने बोलते हुए कहा कि संभल में जो इन लोगों ने काम किया था. आज जागरूकता आ रही है. संभल की तरह सारे स्थान हमारे पुनः वापस होंगे और इनकी संख्या नहीं बचेगी.
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रवींद्र पुरी ने कहा कि मुसलमान की मस्जिद अगर आप देखिए तो उसका जो स्ट्रक्चर है, वह मंदिर की तरह ही है. आज जहां-जहां भी खुदाई हो रही है, कहीं से गणेश जी निकल रहे हैं, कहीं से शिवलिंग निकल रहा है.
ताजमहल पर भी बोलते हुए उन्होंने कहा कि ताजमहल का स्ट्रक्चर भी एक मंदिर है. हम सनातनी बोर्ड का गठन इसलिए ही कर रहे हैं कि सनातन बोर्ड बनने के बाद अपना पूरा लेखा-जोखा देगा और 80 और 20 का रेशियो होगा.
डिंपल यादव के बयान पर कही ये बात
डिंपल यादव के बयान पर उन्होंने कहा कि डिंपल यादव हमारी बेटी है और हम उसका स्वागत करते हैं कि वह महाकुंभ में आए, हम गंगा स्नान करवाने उनको पालकी से लेकर जाएंगे. हालांकि, डिम्पल यादव पर साधु संतों ने ये भी बोला कि इनके परिवार ने तो सनातनियों पर गोली चलाई है.
महाकुंभ क्षेत्र में जगह-जगह लगी होर्डिंग के बारे में बोलते हुए उन्होंने कहा कि इसका मकसद सारे सनातनियों को एक करना है. बता दें कि डिंपल यादव ने महाकुंभ में बटेंगे तो कटेंगे के पोस्टर पर आपत्ति जताई थी और कहा था कि महाकुंभ की सही ढ़ंग से तैयारी नहीं हो रही है.