Uttar Pradesh: सुल्तानपुर के दीवानी कोर्ट में शनिवार को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया. दीवानी न्यायालय में जिला जज लक्ष्मीकांत शुक्ला की अध्यक्षता में लोक अदालत का आयोजन हुआ. इस दौरान सोशल मीडिया पर एक वीडियो भी सामने आया जहां अधिवक्ताओं व एक वादकारी में हाथापाई भी हुई.
इस संदर्भ में जिला जज लक्ष्मीकांत शुक्ला ने बताया कि राष्ट्रीय लोक अदालत में सहमति के आधार पर मुकदमो का निस्तारण होता है. आपराधिक प्रवृति के जो छोटे छोटे मामले हैं, जिनमें लंबी सजा नहीं है उन मामलों में संस्तुति के आधार पर उनका निस्तारण कर दिया जाता है. इसमें अभियुक्त को भी लाभ रहता है. उन्होंने बताया आज के दिन जो जुर्माना लगाया जाता है वो अन्य दिनों की अपेक्षा थोड़ा कम लगाया जाता है. सबसे बड़ा लाभ ये है कि मुकदमा लंबे समय तक चलता है, लेकिन यहां मुकदमे बाजी से छुटकारा मिल जाता है. सिविल के जो मामले हैं वो आपसी सहमति से सुलझा लिए जाते हैं.
उन्होंने ये भी कहा कि लोक अदालत में जो भी निर्णय हो जाता है वो अंतिम होता है, मुकदमे बाजी का अंत हो जाता है. बाकी सामान्य अदालत में जो निर्णय है उसका कोई अंत नहीं है. क्योंकि निर्णय होने के बाद अपील, रिवीजन, रिट ये सारी बातें रहती हैं. इसलिए नहीं कहा जा सकता उस मुकदमे बाजी का अंत कब होगा. इसलिए लोक अदालत महत्वपूर्ण है कि आपसी झगड़े का त्वरित निस्तारण हो जाता है. इसमें न कोई जीतता है न हारता है क्योंकि निर्णय स्वयं स्वीकार किया जाता है.
वहीं अपर जिला जज/सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण विजय कुमार गुप्ता ने बताया कि इसमें सभी प्रकार के संबंधित आपराधिक मामले, दीवानी प्रवृति के सभी मामले, मोटर एक्सीडेंट क्लेम पीटिशन के मामले, फैमली मैटर के मामले, बैंक रिकवरी और बिजली व जल विवाद के मामले निपटाए जा रहे हैं. सुल्तानपुर के साथ अमेठी के कुछ क्षेत्र में राष्ट्रीय लोक अदालत आयोजित की गई है.