बरेली: समाजवादी पार्टी के नेता हरीश लाखा एक बार फिर विवादों के दलदल में फंस गए हैं, इस बार मामला सिर्फ सियासी छींटाकशी तक सीमित नहीं है, बल्कि सीधे जेल की चौखट तक पहुंचता दिख रहा है.
बरेली के कैंट थाने में किसान की शिकायत पर हरीश लाखा समेत पांच लोगों पर धोखाधड़ी, रंगदारी, कोर्ट के आदेश की अवहेलना और जानलेवा हमले जैसे गंभीर आरोपों में एफआईआर दर्ज हुई है.
किसान बोला- जान बचाकर भागा, जमीन पर कब्जे की साजिश में नेता शामिल
गांव मोहनपुर नकटिया निवासी किसान राजकुमार ने पुलिस को बताया कि उसने अपनी पुश्तैनी जमीन बेचकर देहात में करोड़ों रुपये की जमीन खरीदी थी.
पैसा चुकाने के बाद भी जब जमीन का बैनामा नहीं हुआ तो वह कोर्ट गया। कोर्ट ने स्टे ऑर्डर देकर जमीन की खरीद-फरोख्त पर रोक लगा दी.
कोर्ट के स्टे के बावजूद सपा नेता ने करवा लिया एग्रीमेंट राजकुमार का आरोप है कि, हरीश लाखा ने कोर्ट के आदेश की खुलेआम धज्जियां उड़ाईं और जमीन का एग्रीमेंट अपने नाम करवा लिया, जब किसान ने विरोध किया, तो उसे धमकाया गया.
बंधक बनाकर पीटा गया, मांगी गई करोड़ों की रंगदारी सबसे चौंकाने वाला आरोप यह है कि, सपा नेता के इशारे पर गुर्गों ने किसान और उसके परिजनों को बंधक बना लिया, बेरहमी से पीटा और करोड़ों रुपये की रंगदारी मांगी. इस दौरान जान से मारने की धमकियां भी दी गईं.
शासन ने लिया संज्ञान, थाने में दर्ज हुआ मुकदमा
पीड़ित किसान की शिकायत पर शासन ने त्वरित कार्रवाई करते हुए कैंट थाना पुलिस को एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए, अब पुलिस ने हरीश लाखा और उसके चार साथियों के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है.