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संभल में 4 मौतों के बाद सन्नाटा, रात भर चली छापेमारी, 21 हिरासत में, 30 थानों की पुलिस का पहरा

उत्तर प्रदेश के संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हुई हिंसा के बाद इंटरनेट सस्पेंड कर दिया गया है. इसके अलावा 12वीं तक के स्कूल भी आज बंद हैं. पुलिस ने उपद्रवियों की पहचान कर उनकी गिरफ्तारी के लिए रातभर छापेमारी की. अबतक एक महिला समेत 21 लोगों को हिरासत में लिया गया है. हालात को काबू में करने के लिए 30 थानों की पुलिस को तैनात किया गया है. पुलिस का कहना है कि इन उपद्रवियों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत कार्रवाई की जाएगी.

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मुरादाबाद रेंज की डीआईजी मुनीराज ने बताया कि 21 लोगों को हिरासत में लिया गया है, जिनमें दो महिलाएं हैं. जिनके खिलाफ सबूत मिलेंगे, उनको गिरफ्तार किया जाएगा और कोर्ट में पेश किया जाएगा. उन्होंने बताया कि रविवार को हुई हिंसा में चार लोगों की मौत हुई थी और 20 पुलिसकर्मी घायल हुए थे, जिनमें चार सीनियर अधिकारी हैं. बता दें कि इस हिंसा में अबतक चार लोगों की मौत हो चुकी है.

डीआईजी के मुताबिक, पुलिस ने उपद्रवियों को पकड़ने के लिए रात भर छापेमारी की है. इस दौरान अलग-अलग जगहों से कुछ अवैध हथियार और जिंदा कारतूस भी बरामद किए गए हैं. हालांकि रविवार सुबह की घटना के बाद कोई दूसरी घटना सामने नहीं आई है. उन्होंने ये भी बताया कि संभल के हिंसा प्रभावित इलाके में पूरे मुरादाबाद रेंज के 30 थानों की पुलिस तैनात है.

हिंसा में इन 4 लोगों की गई जान

संभल हिंसा में चार लोगों की मौत हो गई. मृतकों की पहचान नईम, बिलाल अंसारी, नौमान और मोहम्मद कैफ के रूप में हुई. नौमान और बिलाल अंसारी को रात 11 बजे सुपुर्द-ए-खाक किया गया. हिंसा को लेकर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में शिकायत की गई है. एक निजी संस्था ने संभल में पुलिस की फायरिंग से 4 युवकों की मौत का आरोप लगाते हुए वीडियो भी आयोग को भेजा गया है.

मस्जिद के अंदर पहले सर्वे के बाद से हालात तनावपूर्ण

संभल में मंगलवार से ही तनावपूर्ण हालात बने हुए हैं. दरअसल स्थानीय कोर्ट ने एक याचिका पर जामा मस्जिद के अंदर सर्वे का आदेश दिया था, जिसमें दावा किया गया था कि ये जामा मस्जिद हरिहर मंदिर को तोड़कर बनाई गई थी. इसके बाद रविवार को प्रदर्शनकारियों ने वाहनों में आग लगा दी और पुलिस पर जमकर पथराव किया. पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस और लाठियों का इस्तेमाल किया.

हिंसा में शामिल लोगों को उकसाया गया: अधिकारी

मुरादाबाद संभागीय आयुक्त ने कहा, “सर्वेक्षण शांतिपूर्ण तरीके से चल रहा था, लेकिन कुछ लोग मस्जिद के पास एकत्र हो गए और नारे लगाने लगे. जब पुलिस ने इलाके को खाली कराने का प्रयास किया, तो भीड़ में शामिल उपद्रवियों के एक समूह ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया. हिंसा में शामिल लोगों को उकसाया गया था, जिनका उद्देश्य शांति को बाधित करना था. उपद्रवी धीरे-धीरे हिंसक होते गए. उन्होंने पुलिस को निशाना बनाना शुरू कर दिया.”

संभल में एक दिसंबर तक बाहरियों की एंट्री पर बैन

हिंसा के बाद संभल में जिला प्रशासन ने बाहरी लोगों की एंट्री पर एक दिसंबर तक बैन लगा दिया है. हालांकि भीम आर्मी चीफ और नगीना से सांसद चंद्रशेखर आजाद ने ऐलान किया है कि वो आज संभल जाएंगे और मृतकों के परिजनों से मिलेंगे. उन्होंने X पर लिखा, “सरकारी गोलियां बहुजनों पर सीधे चलती हैं. यह कोई मिथक नहीं, बल्कि एक कटु सत्य है, जिसे हमसे बेहतर कोई नहीं समझ सकता. चाहे वह एससी/एसटी आंदोलन हो, किसान आंदोलन हो या सीएए विरोधी आंदोलन… हर बार सरकार के इशारे पर पुलिस ने निहत्थे आंदोलनकारियों पर सीधी गोली चलाकर हमारे लोगों की जान ली है. मैं जल्द ही घायल पुलिसकर्मियों से मिलकर इस हिंसा की सच्चाई देश के सामने लाने का प्रयास करूंगा.”

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