Uttar Pradesh: गोंडा जिले के छपिया थाना क्षेत्र में बुधवार की रात एक दर्दनाक हादसे ने पूरे क्षेत्र को झकझोर दिया. पिपरा माहिम गांव में मासूम-ए-मिल्लत की मजार की खुदाई के दौरान अचानक मिट्टी का बड़ा हिस्सा ढह गया, जिसमें चार लोग मलबे में दब गए। इस हादसे में तीन लोगों की दर्दनाक मौत हो गई, जबकि एक व्यक्ति की हालत गंभीर बनी हुई है.
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, यह हादसा बुधवार रात करीब 9 बजे उस समय हुआ जब जेसीबी मशीन से मजार के दोनों ओर खुदाई का कार्य चल रहा था. अचानक मिट्टी ढह गई और काम में लगे फरजान रज़ा (38), शकील मोहम्मद (50), फ़क़ीर मोहम्मद (20) और अशद (14) दब गए. गांव वालों ने आनन-फानन में राहत कार्य शुरू किया और सभी को बाहर निकालकर सादुल्लाहनगर के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया गया. जहां डॉक्टरों ने शकील मोहम्मद, अशद और फ़क़ीर मोहम्मद को मृत घोषित कर दिया। वहीं फरजान रज़ा की हालत गंभीर होने के चलते उन्हें हायर सेंटर रेफर किया गया, जहां उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है.
हादसे की सूचना मिलते ही छपिया थानाध्यक्ष मौके पर दल-बल के साथ पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया. गांव में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है. अपर पुलिस अधीक्षक पूर्वी मनोज कुमार रावत ने मीडिया को जानकारी दी कि यह हादसा अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है. प्रशासन मामले की गहराई से जांच कर रहा है कि खुदाई के दौरान सुरक्षा मानकों की अनदेखी कैसे हुई.
गांव में मातम पसरा हुआ है. शोकाकुल परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है. तीन-तीन जनाजे एक साथ उठने की खबर ने पूरे इलाके को गमगीन कर दिया है. यह घटना न केवल एक बड़ा हादसा है, बल्कि प्रशासन और आमजन के लिए भी चेतावनी है कि धार्मिक या निजी निर्माण कार्यों में सुरक्षा उपायों की अनदेखी कितनी खतरनाक हो सकती है. स्थानीय प्रशासन ने फिलहाल मजार स्थल पर हर प्रकार के कार्य को रोक दिया है और जांच शुरू कर दी गई है. यह हादसा एक बार फिर हमें यह सोचने पर मजबूर करता है कि अनियोजित और असुरक्षित निर्माण कार्य कितने भयावह नतीजे ला सकते हैं. प्रशासनिक सतर्कता और जनजागरूकता ही ऐसे हादसों को रोकने का एकमात्र उपाय है.