गोंडा: मंडलीय कारागार में सोमवार देर शाम उस वक्त हड़कंप मच गया, जब 26 वर्षीय कैदी रमज़ान अली का शव बैरक के पीछे अमरूद के पेड़ से फंदे पर झूलता मिला. दहेज उत्पीड़न और हत्या के मामले में 16 जुलाई से जेल में बंद रमज़ान की मौत ने जेल प्रशासन की नींद उड़ा दी है.
जेल अधीक्षक मृत्युंजय पांडेय ने मीडिया से बातचीत में बताया कि शव की बरामदगी के बाद तुरंत पंचनामा कराया गया और पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है. इस पूरे मामले में ड्यूटी पर तैनात एक जेल सिपाही को लापरवाही बरतने पर निलंबित कर दिया गया है, वहीं मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दे दिए गए हैं.
खास बात ये कि रमज़ान के पिता, मां और भाई भी इसी जेल में बंद हैं. एक दिन पहले ही परिजनों से आंतरिक मुलाकात कराई गई थी और सोमवार को पत्नी भी मिलने आई थी। परिवार का कहना है कि रमज़ान पत्नी और बच्चों से अलग-थलग रहकर बेहद परेशान था.
गांव के प्रधान प्रतिनिधि ने मीडिया से कहा—
“हमें रात 11 बजे सूचना दी गई कि हमारे गांव का रमज़ान जेल में फंदे से लटक गया है. यह पूरी तरह से जेल प्रशासन की लापरवाही है, जांच होनी चाहिए.”
वहीं, जेल अधीक्षक मृत्युंजय पांडेय ने घटना पर मीडिया को अपनी एक्सक्लूसिव बाइट दी, और ग्राम प्रधान प्रतिनिधि ने भी साफ कहा कि परिवार न्याय की मांग करेगा.