उत्तर प्रदेश: अद्भुत है नेपालगंज स्थित मां बागेश्वरी शक्तिपीठ की कथा… नवरात्र के पहले दिन उमड़ी भीड़

उत्तर प्रदेश: नेपालगंज स्थित मां बागेश्वरी शक्तिपीठ के बारे में कहा जाता है कि यहां पर माता सती की जीभ गिरी थी. यहां पर नवरात्र के अवसर पर विशेष पूजा-अर्चना और मेले का आयोजन होता है. नवरात्रि के प्रथम दिन नेपालगंज बांके स्थित सिद्ध पीठ बागेश्वरी मंदिर में श्रद्धालुओं ने मां दुर्गा की पूजा-अर्चना की और खंडेश्वर महाराज भगवान शिव का जलाभिषेक किया. पूरे दिन मंदिर प्रांगण भक्तों से खचाखच भरा रहा.

आचार्य दयाशंकर शुक्ल ने बताया कि पौराणिक कथा के अनुसार, माता सती ने अपने पिता राजा दक्ष द्वारा भगवान शिव का अपमान सहन न कर पाने पर यज्ञ में कूदकर आत्मदाह कर लिया था. व्यथित भगवान शिव ने उनका शरीर उठाकर तांडव करना शुरू किया. ब्रह्मांड में भय का वातावरण देखकर भगवान विष्णु ने अपने सुदर्शन चक्र से माता सती के शरीर के अंगों को अलग-अलग स्थानों पर गिराया, जहां -जहां अंग गिरे, वहां शक्तिपीठ बने.

मान्यता है कि नेपालगंज के बागेश्वरी मंदिर में माता सती की जिह्वा (जीभ) गिरी थी, इसलिए इसे बागेश्वरी शक्ति पीठ कहा जाता है. भारत-नेपाल सीमा पर स्थित इस मंदिर का महत्व सीमावर्ती क्षेत्र के लिए और भी बढ़ जाता है. चैत्र नवरात्र और शारदीय नवरात्र के अवसर पर यहां विशेष पूजा-अर्चना और मेले का आयोजन होता है. नेपाल और भारत, दोनों देशों के श्रद्धालु यहां दर्शन के लिए पहुंचते हैं.

गर्भगृह के दर्शन के लिए भक्तों को मामूली शुल्क कमेटी को जमा करना पड़ता है, इसके बाद मंदिर के पुजारी कपाट बंद कर रुई की मोटी बत्ती जलाकर गर्भगृह में विराजमान मां बागेश्वरी के दर्शन कराते हैं. मंदिर परिसर में स्थित विशाल पीपल का वृक्ष भी आस्था का केंद्र माना जाता है.

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