देवताओं की दीपावली यानी देव दीपावली कार्तिक पूर्णिमा को काशी में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है. पिछले 4 दशकों में यह परंपरा एक लोकपर्व और महोत्सव का रूप ले चुकी है और साल दर साल बढ़ती ही चली जा रही है. इस बार आज देव दीपावली पर वाराणसी में कुल करीब 21 लाख दीपक जलाए जाएंगे. इसके साथ ही, इस पल का गवाह बनने के लिए लाखों की तादाद में पर्यटक और आस्थावान देश-दुनिया से काशी तो आते हैं. आज देव दीपावली पर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ भी मौजूद होंगे और नमो घाट का उद्घाटन करेंगे.
वाराणसी के मंडल आयुक्त कौशलराज शर्मा ने खास बातचीत में बताया कि देव दीपावली विश्वप्रसिद्ध त्योहार बन चुका है. जब से पीए मोदी ने 2020 में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है, तब से 4 वर्ष में देव दीपावली कई गुना ज्यादा बढ़ गई है. इसी का नतीजा है कि महीनों पहले से ही देशी-विदेशी पर्यटक इस त्योहार को देखने के लिए बुकिंग करा लेते हैं. काशी के गंगा घाटों पर दीये जलाए जाते हैं और प्रकाश की नगरी काशी की धारणा को चरित्रार्थ किया जाता है.
उन्होंने आगे बताया, “आज देव दीपावली में कई आकर्षण का केंद्र रहेगा. देव दिवाली के दिन 84 घाटों की फेहरिस्त में नमो घाट भी जुड़ने जा रहा है. इसका उद्घाटन उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के हाथों किया जाना है. इसके अलावा यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और पेट्रोलियम मंत्री हरदीप पुरी भी मौके पर मौजूद रहेंगे, क्योंकि पेट्रोलियम मंत्रालय के सहयोग से नमो घाट के निर्माण में आर्थिक मदद मिली है.
कार्यक्रम को लेकर कैसी तैयारियां?
आज यानी शुक्रवार की शाम नमो घाट का उद्घाटन समारोह साढ़े 3 बजे से शुरू होकर साढ़े 5 बजे तक चलेगा, फिर सभी डेलिगेट्स नमस्ते की मुद्रा के स्थान दीपदान करके देव दीपावली की शुरूआत करेंगे और सभी घाटों पर दीपक जलना शुरू हो जाएगा. इसी कड़ी में नमो घाट पर आतिशबाजी भी होगी. इसके अलावा चेतसिंह घाट पर 18-19 मिनट का प्रोजेक्शन शो होगा, जिसमें काशी की पौराणिकता, गंगा उद्गम और देव दीपावली के बारे बताएगा. इसी चेतसिंह घाट पर लेजर शो भी होगा. इसके अलावा कोल्ड ग्रीन पायरो का भी शो रखा गया है.
मंडलायुक्त कौशलराज ने आगे बताया कि विश्वनाथ धाम के सामने गंगा रेत पर मुख्य आतिशबाजी भी होगी. तमाम सांस्कृतिक कार्यक्रमों का समापन भी देव दीपावली वाले दिन हो जाएगा. इसके अलावा सुरक्षा, प्रकाश और पार्किंग की व्यवस्था की गई है. प्रोजेक्शन शो भी चार बार चलेगा, जो साढ़े 5 बजे से शुरू होकर हर पौन घंटे पर जारी रहेगी. नमो घाट की आतिशबाजी पौने 6 बजे होगी और मुख्य आतिशबाजी विश्वनाथ धाम के सामने होगी दशाश्वमेध घाट पर गंगा आरती के बाद करीब 8 बजे पूरा कार्यक्रम शाम 4 बजे शुरू होकर रात 8 बजे तक होगा.
मंडलायुक्त ने दीपों की संख्या के बारे में बताया, “आज 11 लाख दीपक जलाए जाएंगे, जिसमें 8 लाख दीपक मिट्टी के और बाकी दीपक गोबर के बने है. इसके अलावा जनसहयोग से तालाबों और कुंडों पर वरूणा नदी और अस्सी नदी पर 4-5 लाख दीपक जलेंगे. इस तरह 15-16 लाख दीपक जलाए जाएंगे. इसके अलावा बिजली की झालरों और लाइट्स की भी व्यवस्था की गई है. देव दीपावली की थीम के बारे में उन्होंने बताया कि ‘स्वच्छ घाट-स्वच्छ काशी’ की थीम होगी.
‘दुनिया भर से आते हैं पर्यटक’
देव दीपावली के मौके पर प्रशासन ने भी जोरदार तैयारियां कर ली है. इसके अलावा केंद्रीय देव दीपावली और आरती समिति ने भी अपनी तैयारी कर ली है. समिति के अध्यक्ष आचार्य वागीश शास्त्री ने बताया, “आज देव दीपावली की थीम ‘जाति पंत अनेक, हम सनातनी एक’ है. चाहे बुद्ध हो, जैन हों, गुरूनानक देव हों, कबीर दास और रविदास जी को भी दीपक समर्पित होंगे. काशी के सभी घाटों, गोमती वरूणा के 20 स्थानों और अलग-अलग धर्मिक स्थलों को मिलाकर 220 जगहों पर 21 लाख दीपक जलाए जाएंगे. पूरी दुनिया के लिए यही आश्चर्य होता है कि आखिर लाखों दीपक कैसे 10 मिनट के अंदर ही मैनुअली हाथ से जला दिए जाते है? और यहीं देखने के लिए पूरी दुनिया से पर्यटक आते हैं.”
उन्होंने आगे बताया कि इंदौर की महारानी अहिल्याबाई घाट, मणिकर्णिका कुंड, पंचगंगा घाट पर दीप हजारा स्तंबध का निर्माण कराया था. इन सभी स्थानों पर नारी सशक्तीकरण की दिशा में अहिल्याबाई को देव दीपावली पर समर्पित करेंगे. तमाम जगहों पर रंगोलियां बनाई जाएंगी. इसके अलावा नशा उन्मूलन की भी थीम रहेगी.
काशी की देव दीपावली को निहारने न केवल देश के लोग, बल्कि विदेशी सैलानी भी आते हैं. पेरिस से अपने पति के साथ घूमने आई इमैनुएला ने बताया कि उनके पति ने उन्हें जन्मदिन के तोहफे के रूप में काशी घुमाने लाए हैं और उन्हें देव दीपावली के पर्व में शरीक होकर काफी अच्छा लग रहा है.