अमेठी-संग्रामपुर मार्ग पर जयरामपुर मोड़ के पास निर्माणाधीन पुल की वजह से बनाए गए वैकल्पिक मार्ग की स्थिति लंबे समय से खराब थी. गड्ढों और दलदल से लोगों को आवागमन में परेशानी हो रही थी. विभाग और ठेकेदार की उदासीनता से परेशान ग्रामीणों ने शनिवार को खुद कमान संभाल ली. ट्रैक्टर-ट्राॅली से मिट्टी गिरवाकर और बराबर कराकर उन्होंने रास्ते को आवागमन योग्य बना दिया.
गांव के हरकेश पाल, दुर्गेश पाल, सतीश सिंह, सूरज वर्मा, छोटे ठाकुर सहित कई ग्रामीणों ने एकजुट होकर श्रमदान किया. सबने आपसी सहयोग से मिट्टी डलवाई और मार्ग को बराबर कराया. इसके बाद छोटे-बड़े वाहन अब आसानी से गुजरने लगे हैं. स्थानीय लोगों ने बताया कि वैकल्पिक मार्ग आधा-अधूरा छोड़ने के कारण चार पहिया वाहन अक्सर फंस जाते थे. वहीं, दलदल और गड्ढों के चलते दोपहिया चालक आए दिन फिसलकर चोटिल हो रहे थे। रोजाना की परेशानी और हादसों के डर से ग्रामीणों ने मजबूरी में खुद रास्ता दुरुस्त करने का निर्णय लिया.
ग्रामीणों का आरोप है कि कार्यदायी संस्था के ठेकेदार ने खानापूर्ति करते हुए काम अधूरा छोड़ दिया. जलस्तर घटने के बावजूद मार्ग को ठीक से नहीं बनाया गया, जिसके चलते राहगीरों को कठिनाई झेलनी पड़ी. शिकायत करने पर भी कोई ठोस कार्रवाई न होने से नाराज ग्रामीणों ने अपने स्तर पर ही समस्या का समाधान करना उचित समझा. पीडब्ल्यूडी के अवर अभियंता अमित पाठक का कहना है कि जलस्तर कम होने के बाद मार्ग दुरुस्त कराया गया था। उन्हें न तो ग्रामीणों की वर्तमान समस्या की जानकारी थी और न ही यह पता था कि लोगों ने खुद सुधार कार्य कराया.