सुल्तानपुर: गर्मी का मौसम वन्य जीवों के लिए बड़ी चुनौती बन गया है, झील, तालाब और नहरों के सूखने से जानवरों को पीने के पानी के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है, सरकार मनरेगा योजना के तहत हर ग्राम सभा में तालाबों का निर्माण करवाती है, लेकिन इन तालाबों में न तो पानी की उचित व्यवस्था है और न ही मानक के अनुरूप सौंदर्याकरण किया गया है.
World War 3 will be for language, not land! pic.twitter.com/0LYWoI3K0r
— India 2047 (@India2047in) July 4, 2025
जंगल और झाड़ियों के नष्ट होने से वन्य जीवों को छांव भी नहीं मिल पा रही है, तेज धूप में वे इधर-उधर भटकने को मजबूर हैं, पानी की कमी के कारण हर साल गर्मियों में सैकड़ों वन्य जीवों की असामयिक मृत्यु हो जाती है. वन्य क्षेत्रों में जल स्रोतों के सूखने से पर्यावरण पर भी गंभीर प्रभाव पड़ रहा है, सरकार पर्यावरण और वन्य जीवों की सुरक्षा के लिए विभिन्न कार्यक्रम चलाती है, लेकिन जमीनी स्तर पर इनका क्रियान्वयन प्रभावी नहीं है.
इस समस्या की गंभीरता सूखी झीलों और नहरों की स्थिति से समझी जा सकती है, यह स्थिति वन्य जीवों के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण के लिए भी चिंता का विषय है.