उत्तराखंड में यूकेएसएसएससी पेपर लीक मामले को लेकर नाराज युवाओं को शांत करने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने व्यक्तिगत रूप से धरना स्थल पर जाकर संवाद किया। इस दौरान उन्होंने अभिभावक और मित्र दोनों की भूमिका निभाते हुए युवाओं की सभी शंकाओं का समाधान किया और भरोसा दिलाया कि भर्ती प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी और शंका से परे होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वे चाह सकते थे कि यह वार्ता उनके कार्यालय में हो, लेकिन उन्होंने युवाओं से सीधे संवाद करना बेहतर समझा। उन्होंने युवाओं को आश्वासन दिया कि सरकार उनकी उम्मीदों और सपनों का सम्मान करती है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के युवा केवल पढ़ाई ही नहीं करते, बल्कि सरकारी नौकरी के लिए मेहनत करते हैं, जिससे उनके जीवन के रंगीन सपने पूरे हो सकें।
धामी ने युवाओं को बताया कि सरकार ने पिछले चार साल में सख्त नकल विरोधी कानून लागू करने के साथ ही 25 हजार रिकॉर्ड नौकरियां प्रदान की हैं। उन्होंने कहा कि इस मामले में केवल एक शिकायत के आधार पर भी वे सीबीआई जांच कराने के लिए तैयार हैं। इसी संदर्भ में मुख्यमंत्री बिना किसी सहयोगी को बताए, धरना स्थल पर पहुंचे और युवाओं के साथ संवाद किया।
इस दौरान उन्होंने यह भी घोषणा की कि आंदोलन के दौरान युवाओं पर दर्ज मुकदमे वापस लिए जाएंगे, जिससे उन्हें सुरक्षित और आश्वस्त महसूस हो। उनके इस कदम को युवाओं ने स्वागत योग्य माना और यह दिखाया कि सरकार युवा कल्याण और न्याय को लेकर गंभीर है।
मुख्यमंत्री ने युवाओं से बातचीत के दौरान यह स्पष्ट किया कि भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता बरकरार रखी जाएगी और किसी प्रकार की शंका या गलतफहमी को दूर किया जाएगा। उन्होंने युवाओं को यह भी समझाया कि उनका उद्देश्य केवल विवाद का समाधान करना ही नहीं, बल्कि उनके भविष्य को सुरक्षित बनाना और उन्हें आत्मविश्वास देना है।
इस वार्ता से न केवल युवाओं को राहत मिली, बल्कि सरकारी प्रक्रिया में विश्वास बढ़ाने का भी अवसर मिला। मुख्यमंत्री धामी का यह क़दम प्रशासनिक दृष्टिकोण और युवा संबंधों के संतुलन का उदाहरण माना जा रहा है। उन्होंने यह संदेश दिया कि राज्य सरकार युवा हितों और न्याय की प्रक्रिया में पूरी तरह सक्रिय और उत्तरदायी है।