वलसाड जिले के उमरगाम तालुका के एक स्कूल में पढ़ने वाली एक छात्रा को 12 फरवरी 2018 को विज्ञान शिक्षक ने उसकी नोटबुक जांचने के बहाने स्टाफ रूम में बुलाया. टीचर ने छात्रा से पूछा कि आज कौन सा दिन है और बताया कि आज किस डे है. छात्र के गाल पर किस करने के बाद छात्रा डर गई और स्टाफ रूम से भाग गई. घर जाकर सहमी छात्रा को देखकर मां ने छात्रा से पूछा तो उसने सारी सच्चाई बता दी. छात्र की मां ने टीचर के खिलाफ नजदीकी पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई. वापी की पॉक्सो एक्ट की विशेष अदालत में डीजीपी अनिल त्रिपाठी की प्रभावी दलीलों का संज्ञान लेते हुए और नाबालिग पीड़िता की गवाही को ध्यान में रखते हुए पॉक्सो एक्ट की विशेष अदालत के न्यायाधीश एमपी पुरोहित ने आरोपी को सज़ा सुनाई है. विभिन्न अपराधों में 5 वर्ष की सजा सुनाई गई है.
12 फरवरी 2018 को वलसाड जिले के उमरगाम तालुक के एक स्कूल में पढ़ने वाली एक छात्रा, स्कूल के विज्ञान शिक्षक, ओमप्रकाश छोटेलाल यादव, छठी कक्षा की कक्षा समाप्त होने के बाद उसकी नोटबुक स्टाफ रूम में ले गए और छात्रा को जांचने के लिए बुलाया. स्मरण पुस्तक छात्र की कॉपी लेकर स्टाफ रूम में प्रवेश करने से पहले ओमप्रकाश यादव ने स्कूल के स्टाफ रूम की खिड़कियां बंद कर दीं. आज वह कौन सा दिन है जब छात्र स्टाफ रूम में आकर नोट्स चेक करने के बाद दरवाजा बंद कर लेता है? -ओमप्रकाश यादव ने छात्रा से पूछा। छात्र को कुछ समझ नहीं आ रहा था. इसलिए वह टीचर के सवाल का जवाब नहीं दे सकीं. तभी ओमप्रकाश यादव ने कहा कि आज किस डे है और छात्रा के गाल पर किस कर लिया. अचानक टीचर ने उसके गाल पर किस कर लिया और छात्रा घबराई हुई घर पहुंची. स्कूल से घबराई हुई छात्रा को देखकर छात्र की मां ने घबराने का कारण पूछा. डरी सहमी छात्रा ने निडर होकर अपनी मां को शिक्षक की करतूत की जानकारी दी.
घटना के संबंध में छात्र की मां ने शिक्षक ओमप्रकाश यादव के खिलाफ नजदीकी थाने में शिकायत दर्ज करायी है. कैश वापी पॉक्सो एक्ट के तहत विशेष अदालत में सुनवाई कर रहे डीजीपी अनिल त्रिपाठी की दलीलों और नाबालिग पीड़िता की गवाही को ध्यान में रखते हुए पॉक्सो एक्ट के तहत विशेष अदालत के न्यायाधीश एमपी पुरोहित ने आरोपी पर आरोप तय किए। आईपीसी की धारा के तहत अपराध. 345 (ए) में 3 वर्ष का कठोर कारावास और 3 हजार रुपये का जुर्माना और जुर्माना न देने पर 6 महीने का अतिरिक्त साधारण कारावास और पॉक्सो अधिनियम की धारा के तहत दंडनीय है. धारा 8 के तहत अपराध का दोषी ठहराया गया और 3 साल के कठोर कारावास और 3 हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई गई, जुर्माना न देने पर 6 महीने के अतिरिक्त साधारण कारावास की सजा सुनाई गई और POCSO की धारा 10 के तहत अपराध का दोषी ठहराया गया. एक्ट में 5 साल की कैद और 3 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई. जुर्माना और जुर्माना न देने पर 6 महीने की साधारण कैद और कुल 9 हजार रुपए जुर्माना देने पर आरोपी को मुआवजा देने का आदेश दिया. उस जुर्माने की रकम में से 8 हजार रुपये पीड़ित लड़की को देने के साथ ही उपरोक्त सभी सजाएं एक साथ काटने का आदेश दिया.