वाराणसी: धनतेरस से पांच दिनों तक माता अन्नपूर्णा के स्वर्णमयी माता का दर्शन किया जा जाता है. इस दौरान लाखों की संख्या में भक्त दर्शन करने पहुंचते है. माता अन्नपुर्णा मंदिर में अन्नकूट के अवसर पर भव्य तैयारियां चल रही है.
जानकारी के अनुसार 511 क्विंटल व्यंजन से माता का भोग लगेगा, जिसे लगभग 121 कारीगरों द्वारा बनाया जा रहा है. जिसमें विशेष प्रकार के व्यंजन बनाएं जा रहे है. मां अन्नपूर्णा के प्रसाद पाने के लिए देश विदेश से श्रद्धालु पहुंचते हैं. अन्नकूट के दिन मां अन्नपूर्णा की भव्य आरती कर छपन्न भोग लगेगा.
स्वर्णमयी माता अन्नपूर्णा दर्शन 29 अक्टूबर से शुरू हो गया है। ये दर्शन 2 नवंबर अन्नकूट के दिन देर रात्रि तक चलेगा. इस मौके पर पूरे मन्दिर परिसर को रंग बिरंगे झालरों से सजाया गया है. रात्रि में पूरे मन्दिर को सुगन्धित फूलो से सजाया गया है. कारीगरों द्वारा माता अन्नपूर्णा के लिए विभिन्न प्रकार के व्यंजन तैयार किए जा रहे है. पूरा दरबार मां का भक्ति मय बना हुआ है. माता अन्नपूर्णा का अन्नकूट खास होगा.
मां अन्नपूर्णा मंदिर में प्रसाद बनाने का कार्य स्थापना पूजन से शुरू हो गया हैं. माता को 511 क्विंटल व्यंजनों से भोग लगेगा. जिसको 121 कारीगरों से तैयार हो रहा है. मुख्य कारीगर ने बताया कि तीसरी पीढ़ी से कार्य करती आ रही है. जिसमे 30 महिला व अन्य पुरुष है. कच्चा पक्का मिला कर 511 क्विंटल होगा. आस पास जिलों से भी कारीगरों को बुलाया जाता है. इसमे कुछ ऐसे कारीगर हैं, जो पिछले 15 साल से आ रहे है. खास में सुरन का भी लड्डू तैयार किया जा रहा है, इसके साथ 40 तरह का मीठा व 17 तरह की नमकीन होगी.