वाराणसी: केंद्रीय कारागार प्रशासन पेट्रोल पंप कारोबार में हाथ आजमाएगा. जेल अधिकारियों ने फुलवरिया तिराहे पर जमीन चिह्नित भी कर ली है. पेट्रोल पंप के संचालन में 50 से ज्यादा कैदियों को जहां नियमित काम मिलेगा, वहीं केंद्रीय कारागार आत्मनिर्भर भी बन सकेगा. जेल प्रशासन ने रणनीति को जमीन पर उतारने के लिए प्रस्ताव डीजी (पुलिस महानिदेशक) जेल के पास भेजा है. सबकुछ ठीक रहा तो नए वर्ष में जेल प्रशासन के पास अपना पेट्रोल पंप होगा.
सरकार चाहती है जेलें बनें आत्मनिर्भर
World War 3 will be for language, not land! pic.twitter.com/0LYWoI3K0r
— India 2047 (@India2047in) July 4, 2025
कुछ माह पूर्व शुरू हुए इस प्रयास के क्रम में सूबे की अलग-अलग जेलों में ऐसे उत्पाद बनाए जाने लगे हैं, जिसकी उपयोगिता लोगों के समान्य जीवन में हो, उदाहरण स्वरूप प्रयागराज की नैनी जेल में फिनायल बनाने की फैक्ट्री लगी है, वहां तैयार फिनायल का उपयोग यूपी की सभी जेलों में होने लगा है, आत्मनिर्भर बनने की इसी रणनीति में केंद्रीय कारागार (वाराणसी) फुलवरिया स्थित प्राइम लोकेशन पर जेल की भूमि उपलब्ध दिखाते हुए पेट्रोल पंप खोलने की दिशा में कदम बढ़ाया है. केंद्रीय कारागार में फल-फूल रहे कई कारोबार अलग तरह के उत्पाद तैयार करने और उससे कमाई करने में सेंट्रल जेल अलग पहचान रखता है, फर्नीचर, बेकरी, गोशाला, बर्तन, अचार का निर्माण कर अच्छी कमाई हो रही है, जेल में तैयार कुर्सियां, मेज उत्तर प्रदेश की अदालतों में भेजी जाती हैं.