पंजाब के लुधियाना में वर्धमान ग्रुप के प्रमुख एसपी ओसवाल के साथ 7 करोड़ रुपये की ठगी के मामले में नया खुलासा हुआ है. फर्जी सीबीआई अधिकारी बनकर आरोपियों ने सुप्रीम कोर्ट में फर्जी सुनवाई भी की, जिसमें फर्जी वकील बनकर एक शख्स सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्ष रख रहा था. फिलहाल, पुलिस ने मामले में एफआईआर दर्ज कर 2 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है.
लुधियाना के डीसीपी जसकिरनजीत सिंह तेजा ने बताया कि वर्धमान ग्रुप के प्रमुख एसपी ओसवाल के साथ ठगी के मामले में 2 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि 7 आरोपियों की गिरफ्तारी होनी बाकी है. मामले में करीब 5 करोड़ 25 लाख रुपये की रकम बरामद की गई है. उन्होंने बताया कि 2 आरोपियों को गुवाहाटी से गिरफ्तार किया गया है.
‘एसपी ओसवाल को वीडियो कॉल की’
उन्होंने बताया कि साइबर ठगों ने सीबीआई अधिकारी बनकर एसपी ओसवाल को फोन किया और कहा कि आपके कुछ दस्तावेज मिले हैं. जिससे मनी लॉन्ड्रिंग का मामला बनता है. यह मामला ईडी को दिया जा रहा है. वहीं, उनकी गिरफ्तारी के लिए वारंट जारी कर दिए गए हैं और जल्द ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा. साइबर ठगों ने सीबीआई ऑफिस से बात करने का झांसा देकर एसपी ओसवाल को वीडियो कॉल भी की.
‘सुप्रीम कोर्ट की फर्जी सुनवाई’
इतना ही नहीं, जब उनसे पैसों की बातचीत हुई तो उनके बचाव के लिए फोन पर सुप्रीम कोर्ट की फर्जी सुनवाई भी चलाई गई, जिसमें एक व्यक्ति फर्जी वकील बनकर सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्ष रख रहा था और उसका नाम लेकर सुनवाई हो रही थी. इसी के चलते एसपी ओसवाल ने एक-एक करके साइबर ठगों को चार करोड़ और फिर तीन करोड़ दूसरे अकाउंट में ट्रांसफर कर दिए.
‘5 करोड़ 25 लाख रुपये बरामद’
डीसीपी जसकिरनजीत सिंह ने बताया कि शिकायत मिलने के दो दिन बाद हमारी साइबर क्राइम टीम ने अच्छा काम किया और दो आरोपियों को गिरफ्तार कर 5 करोड़ 25 लाख रुपये बरामद किए. उन्होंने कहा कि कारोबारी सतर्क रहें. साइबर अपराधी बेहद प्रोफेशनल तरीके से इन वारदातों को अंजाम देते हैं. मामले में अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद और खुलासे हो सकते हैं.