ग्वालियर। कूनो पार्क से बाहर घूम रही मादा चीता वीरा का फिलहाल रेस्क्यू नहीं किया जाएगा। वह जंगल क्षेत्र में घूम रही है और आबादी की ओर बढ़ेगी, तभी निर्णय लिया जाएगा। वीरा की निगरानी बढ़ा दी गई है और उसकी एक-एक मूवमेंट पर निगाह रखी जा रही है। कूनो प्रबंधन का कहना है कि कुछ दिनों पहले हुई बैठक में यह तय भी किया गया था कि श्योपुर से आस-पड़ोस के जिलों व क्षेत्रों में अगर चीते पहुंच जाते हैं तो उन्हें रेस्क्यू करने की जरूरत नहीं है।
आसपास के जिलों में पदस्थ वन विभाग की टीम चीते की निगरानी में सहयोग करेगी। बता दें, वीरा से पहले नर चीता पवन भी राजस्थान के करौली तक पहुंच गया था। तब उसे कूनो प्रबंधन का निगरानी दल रेस्क्यू करके कूनो लाया था। मुरैना के पहाड़गढ़ से होकर ग्वालियर के भंवरपुरा गांव तक पहुंची मादा चीता ने करीब 125 से 150 किलोमीटर की दूरी तय की है।
चार मई से कूनो पार्क से बाहर घूम रही वीरा मुरैना जिले के पहाड़गढ़ क्षेत्र से निकलकर अब ग्वालियर के सीमावर्ती भंवरपुरा गांव में पहुंच गई है। वीरा ने शनिवार को तीन बकरियों का शिकार किया। चीता ट्रेकिंग टीम व ग्वालियर वन विभाग की टीम उसके आसपास मौजूद हैं। पहले मादा चीता को रेस्क्यू किए जाने की संभावना बन रही थी लेकिन जब वीरा आबादी से दूरी पर चली गई तो अफसर भी निश्चिंत हो गए। अब ट्रैकिंग टीम वीरा पर निगाह बनाए हुए है।