प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इसी महीने की शुरुआत में हुए रूसी दौरे पर अमेरिका की टिप्पणी पर अब विदेश मंत्रालय की प्रतिक्रिया सामने आई है. मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने बयान जारी करते हुए कहा कि भारत का रूस के साथ बहुत पुराना संबंध है जो हितों की परस्पर हितों पर आधारित है. बहुध्रुवीय दुनिया में, सभी देशों को अपनी राह चुनने की आजादी है. हर किसी के लिए ऐसी वास्तविकताओं के प्रति सचेत रहना और उनकी सराहना करना आवश्यक है.
दरअसल, अमेरिका का राजनियक डोनाल्ड लू ने पीएम मोदी के रूसी दौरे को लेकर कहा था कि मोदी का पुतिन को गले लगाना और भारत द्वारा तेल और हथियार खरीदना निराशाजनक है. दक्षिण और मध्य एशियाई मामलों के लिए अमेरिकी सहायक विदेश मंत्री डोनाल्ड लू ने कहा था, “प्रधानमंत्री मोदी की रूस यात्रा के प्रतीकवाद और समय से निराश हूं. हम अपने भारतीय मित्रों के साथ कठिन बातचीत कर रहे हैं.”
#WATCH | On the reports on the vandalization of the Temple in Edmonton, Canada, MEA Spokesperson Randhir Jaiswal says, "We have strongly taken up the matter with Canadian authorities, both in Delhi and Ottawa. We condemn the vandalization. We expect the local authorities to take… pic.twitter.com/rH4gMD3uPZ
— ANI (@ANI) July 25, 2024
कनाडा द्वारा सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री ट्रूडो और अन्य नेताओं को जान से मारने की धमकी देने के आरोप में दो व्यक्तियों पर आरोप लगाए जाने की रिपोर्ट पर विदेश मंत्रालय ने कहा कि हमने ये रिपोर्ट देखी हैं. जब कोई लोकतंत्र कानून के शासन और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को मापने या लागू करने के लिए अलग-अलग मानदंड अपनाता है, तो यह केवल उसके अपने दोहरे मापदंड को उजागर करता है. हम उम्मीद करते हैं कि कनाडा भारत विरोधी तत्वों के खिलाफ कार्रवाई करेगा, जिन्होंने बार-बार भारतीय नेताओं, संस्थानों, एयरलाइनों और राजनयिकों को हिंसा के जरिए धमकाया है. हम चाहते हैं कि हमारे खिलाफ धमकियों पर भी कड़ी कार्रवाई हो, उसी स्तर की कार्रवाई हो.
बता दें कि हाल ही में, ट्रूडो और अन्य कनाडाई राजनीतिक नेताओं के खिलाफ ऑनलाइन धमकियां जारी करने के आरोप में अल्बर्टा के दो लोगों को गिरफ़्तार किया गया. 6 जून को, एक 23 वर्षीय व्यक्ति को X पर एक ऑनलाइन पोस्ट के लिए गिरफ़्तार किया गया था, जिसमें उसने ट्रूडो को जान से मारने की धमकी दी थी. 13 जून को, एडमोंटन निवासी एक 67 वर्षीय व्यक्ति को कथित तौर पर इसी तरह की धमकियां देने के आरोप में गिरफ़्तार किया गया था. कथित धमकियाँ उप प्रधान मंत्री क्रिस्टिया फ़्रीलैंड और न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता जगमीत सिंह को भी दी गई थीं.
बांग्लादेश की स्थिति को लेकर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि मैं पुष्टि कर सकता हूं कि हमें बांग्लादेश की ओर से एक राजनयिक नोटिस मिला है, जिसमें विरोध जताया गया है कि इस मामले पर जो रिपोर्ट सामने आई हैं, उनमें पश्चिम बंगाल के सीएम द्वारा की गई टिप्पणियों का स्वागत नहीं किया गया है. अनुसूची 7 के तहत विदेशी संबंध केवल केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है.