राहुल गांधी द्वारा अमेरिका में दिए गए बयान पर छिड़ा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. गुरुवार को उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी पर अप्रत्यक्ष रूप से निशाना साधते हुए कहा कि ऐसे व्यक्ति को कोई सम्मान नहीं मिल सकता जिसने देश के अंदर और बाहर भारत की संस्थाओं को बदनाम किया हो. उपराष्ट्रपति के इस बयान के बाद कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर सत्तारूढ़ गठबंधन के उन नेताओं के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की है, जिन्होंने राहुल गांधी के खिलाफ आपत्तिजनक और हिंसक बयान दिए हैं .इसके अलावा, खरगे ने पीएम मोदी से अपने नेताओं को अनुशासित करने का भी अनुरोध किया है.
धनखड़ ने संसद टीवी @3 कॉन्क्लेव को संबोधित करते हुए कहा, कोई कह रहा है कि हमारे नेता का अपमान किया जा रहा है. संस्थाओं पर नजर डालिए, क्या हम ऐसे व्यक्ति की प्रशंसा कर सकते हैं जो देश के अंदर और बाहर हमारी संस्थाओं को बदनाम कर रहा हो, हमारे विकास को बाधित कर रहा हो? क्या हम इसकी अनदेखी कर सकते हैं? उन्होंने कहा कि विशेष रूप से विदेश में भारत की गलत तस्वीर पेश नहीं की जा सकती.
वे मूर्खों के स्वर्ग में हैं
धनखड़ ने आगे कहा, हर भारतीय जो इस देश से बाहर जाता है, वह इस देश का राजदूत होता है. उसके दिल में राष्ट्रवाद के लिए 100 प्रतिशत प्रतिबद्धता होनी चाहिए. वर्तमान पारिस्थितिकी तंत्र में, हर किसी के पास अपनी ताकत दिखाने, क्षमता का उपयोग करने, प्रतिभा को पहचानने और अपने सपनों को साकार करने का मौका है.उपराष्ट्रपति ने अपने संबोधन के दौरान अमेरिका में किसी ऐसे व्यक्ति पर भी निशाना साधा जो यह विमर्श फैला रहा है कि आईआईटी और आईआईएम में केवल उच्च वर्ग के लोगों को ही दाखिला मिलता है. उन्होंने कहा, मुझे यह कहने में कोई संदेह नहीं है कि वे मूर्खों के स्वर्ग में हैं. वे भूल गए हैं कि अब भारत बदल गया है. इस देश में विशेषाधिकार प्राप्त वंश अब नहीं रहा. हर कोई कानून के शासन के प्रति जवाबदेह है.
The media must move beyond addressing issues with individuals on the radar.
How can we have an individual-centric approach?
Let us look at our institutions.
Can we have accolades for one who is maligning the nation within and outside the country, maligning our sacred… pic.twitter.com/qLelWNz6gR
— Vice-President of India (@VPIndia) September 19, 2024
संविधान दिवस के साथ संविधान हत्या दिवस भी
धनखड़ ने मीडिया से भी थोड़ा साहसी होने का निवेदन किया. उन्होंने कहा, हमें ऐसे मुद्दों पर ध्यान देना होगा जो किसी व्यक्ति पर केंद्रित न हों, हम व्यक्ति-केंद्रित दृष्टिकोण कैसे अपना सकते हैं? उन्होंने यह भी कहा, संविधान दिवस के अलावा, हमें संविधान हत्या दिवस को भी हर साल बड़े पैमाने पर प्रसारित करने की जरूरत है. हमारे लोगों को संवेदनशील होना होगा. गौरतलब है कि सरकार ने इस वर्ष की शुरुआत में 25 जून 1975 को आपातकाल लागू किए जाने के कारण संविधान हत्या दिवस घोषित किया था.