तमिलनाडु के करूर में अभिनेता और टीवीके प्रमुख विजय की रैली के दौरान मची भगदड़ ने पूरे राज्य को हिला दिया। इस हादसे में अब तक 39 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 58 से अधिक लोग घायल बताए जा रहे हैं। घटना के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार से विस्तृत रिपोर्ट तलब की है। मंत्रालय ने कहा है कि पूरे मामले की पारदर्शी जांच कराई जाएगी और लापरवाही सामने आने पर कार्रवाई होगी।
मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने इस घटना को हृदयविदारक बताया और तुरंत इमरजेंसी मीटिंग बुलाई। उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों, मंत्रियों और चिकित्सा दलों को करूर भेजा, ताकि राहत और बचाव कार्य तेज किया जा सके। डीएमके नेता वी सेंथिल बालाजी भी अस्पताल पहुंचे और घायलों से मुलाकात की। उन्होंने बताया कि कई लोग गंभीर हालत में हैं और बेहतर इलाज के लिए अतिरिक्त डॉक्टरों को बुलाया गया है।
राज्य सरकार ने मृतकों के परिजनों को 10-10 लाख रुपये मुआवजा देने का ऐलान किया है। साथ ही हाई कोर्ट की पूर्व न्यायाधीश अरुणा जगदीशन की अध्यक्षता में एक जांच आयोग का गठन किया गया है। आयोग यह देखेगा कि आखिर सुरक्षा इंतजाम में कहां चूक हुई और भविष्य में ऐसे हादसे न हों इसके लिए क्या कदम उठाए जाने चाहिए।
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, भारी उमस और भीड़ के कारण कई लोग बेहोश होने लगे। अफरा-तफरी के बीच भगदड़ मच गई। कई महिलाएं और बच्चे भी इसकी चपेट में आ गए। विजय ने जैसे ही मंच से यह नजारा देखा, उन्होंने अपना भाषण रोक दिया और लोगों को संभालने की अपील की, लेकिन तब तक हालात काबू से बाहर हो चुके थे।
इस दर्दनाक घटना पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, गृहमंत्री अमित शाह, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी सहित कई नेताओं ने गहरा दुख जताया। सभी ने मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की और घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना की।
करूर की यह त्रासदी तमिलनाडु की राजनीति और समाज दोनों के लिए एक गहरा झटका है। अब सबकी नजरें सरकार और जांच आयोग पर हैं कि इस हादसे की सच्चाई कब और कैसे सामने आती है।