‘गला काटने’ का इशारा करते हुए पाकिस्तानी अधिकारी का वीडियो, पाक उच्चायुक्त बोले- ये छोटी बात, ज्यादा फोकस नहीं…

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 26 बेगुनाहों की जिस तरह निर्मम हत्या की गई, उससे हर भारतीय बेहद गुस्से में है. दूसरे मुल्कों में बसे भारतीयों में भी हमले को लेकर काफी आक्रोश है. ब्रिटेन में पाकिस्तानी उच्चायोग के बाहर इंडियंस ने प्रदर्शन कर अपना गुस्सा जाहिर किया. प्रदर्शन की कई वीडियो और तस्वीरें भी सामने आईं, जिनमें पाकिस्तानी उच्चायोग का स्टाफ भी हाथों में पोस्टर लिए नजर आया और इसी दौरान एक पाकिस्तानी अधिकारी भारतीयों की तरफ गला काटने का इशारा करते हुए नजर आए. यह शख्स पाकिस्तानी उच्चायोग के स्टाफ से ही थे, उनके इस एक्शन को पाकिस्तानी उच्चायुक्त ने छोटी बात करार दिया है और कहा कि ये ध्यान देने वाली बात नहीं है.

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बीबीसी उर्दू से बात करते हुए लंदन में पाक के उच्चायुक्त मोहम्मद फैसल ने भारतीयों के प्रदर्शन पर सवाल उठाए और कहा कि शांतिपूर्ण तरीके से भी अपनी बात रखी जा सकती है और शांतिपूर्ण प्रदर्शन से कोई दिक्कत नहीं. मोहम्मद फैसल के इस बयान पर उनसे पूछा गया कि अगर वह शांतिपूर्ण प्रदर्शन की बात कर रहे हैं तो क्या उनके उच्चायोग के अधिकारी को ये शोभा देता है कि वह भारतीयों की तरफ गला काटने का इशारा कर रहे हैं.

मोहम्मद फैसल ने कहा, ‘मैं आपसे गुजारिश करता हूं कि हम बहुत बड़े मुद्दे पर बात कर रहे हैं कि दो बड़ी न्यूक्लियर पावर्स के बीच जंग हो सकती है. आपका फोकस छोटी-छोटी चीजों पर ज्यादा है.’ उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को अगर हम इस तरह से देखें कि दो फौजें अलर्ट पर हैं.

मोहम्मद फैसल ने कहा कि वह नहीं जानते किए वास्तव में क्या हुआ, लेकिन उन्होंने इसके बारे में सुना. उनका कहना है कि दोनों कम्युनिटीज मौजूद थी, सेंटीमेंट्स हाई थे. उन्होंने कहा कि जाहिर है कि बरतानी हुकूमत ने भी उसको देखा होगा, अगर कोई बात होगी तो वो हमें बता देंगे.

मोहम्मद फैसल ने भारतीयों के प्रदर्शन पर कहा कि जुमे को उच्चायोग पर काफी सारे लोग इकट्ठा थे, उन्होंने काफी सख्त जुबान इस्तेमाल की, एक्शंस भी हुए. पाकिस्तानी भी इकट्ठा थे. उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान के जो लोग थे उनका पुलिस वालों से क्लैश हुआ, 2-3 लोग अरेस्ट भी हुए. उसके बाद लगा था कि खामोशी हो जाएगा, लेकिन रविवार को एक साहब ने हमारे ऑफिस पर पत्थर फेंके और भगवा रंग फेंका. पीसफुल प्रोटेस्ट है तो शांतिपूर्वक होना चाहिए. किसी उच्चायोग पर हमला तो अमन की बात नहीं है.

22 अप्रैल को पहलगाम में हुए हमले के बाद लंदन में पाक उच्चायोग के बाहर भारतीयों ने प्रदर्शन किया और 26 बेगुनाहों की निर्मम हत्या पर नाराजगी जाहिर की. इस दौरान पाक हाई कमीशन का स्टाफ भी बाहर आ गया और हाथों में पोस्टर लिए नजर आया. तभी एक अधिकारी ने भारतीयों की तरफ ये इशारा किया और ऐसा करते हुए वह कैमरे में कैद हो गए.

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