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रैली में 7 घंटे की देरी से पहुंचे विजय, इंतजार में भूख-प्यास से बेहाल हुई भीड़… करूर में कैसे मची जानलेवा भगदड़

तमिलनाडु के करूर में अभिनेता से नेता बने थलपति विजय की रैली के दौरान शनिवार को मची भगदड़ में अब तक 39 लोगों की जान जा चुकी है. राज्य पुलिस महानिदेशक जी वेंकटरामन ने बताया कि विजय को रैली स्थल तक पहुंचने में देरी हुई, जिसके कारण भीड़ लगातार बढ़ती चली गई और यह हादसा हो गया. फिलहाल हादसे की जांच चल रही है और अब तक एक्टर विजय की पार्टी टीवीके से जुड़े दो नेताओं के खिलाफ FIR दर्ज की गई है. साथ ही एक जांच कमेटी का भी गठन किया गया है.

एक्टर के इंतजार में बेहाल हुई भीड़

शुरुआती जांच से पता चला है कि टीवीके ने रैली के आयोजन के लिए दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक का समय तय किया था. लेकिन एक्टर विजय खुद शाम 7 बजे के बाद रैली स्थल पर पहुंचे, जिस वजह से वहां भीड़ लगातार बढ़ती चली गई. रैली में विजय ने अपना भाषण शुरू किया, लेकिन सात घंटे से इंतजार कर रहे लोग भूख-प्यास से बेहाल हो चुके थे. रैली के दौरान लोगों ने पानी मांगा तो विजय को अपना भाषण बीच-बीच में रोकना पड़ा. इसके बाद कुछ लोग बेहोश होने लगे और विजय ने लोगों को गिरते हुए भी देखा, साथ ही मंच से एम्बुलेंस को रास्ता देने की अपील की.

भारी भीड़ और लोगों के बेहोश होने के बाद भी रैली में विजय अपना भाषण जारी रखते हैं. उधर भीड़ के बीच से बेहोश हुए लोगों को निकालने के लिए एम्बुलेंस को भी काफी मशक्कत करनी पड़ती है. इसके बाद भी विजय का भाषण जारी रहता है. शाम के करीब 7.30 बजे जब विजय अपना भाषण खत्म करते हैं तो वहां खबर फैलती है कि 9 साल की एक लड़की भीड़ में से लापता हो गई है. विजय मदद के लिए कार्यकर्ताओं से अपील करते हैं और घटनास्थल से रवाना हो जाते हैं.

vijay rally

बिजली गुल होने से मची अफरा-तफरी

इसके बाद अचानक बिजली गुल हो जाती है और पहले से जमा भीड़ बेकाबू होने लगती है. हर तरफ भगदड़ मच जाती है और लोग अपनी जान मचाने के लिए इधर-उधर भागना शुरू कर देते हैं. पहले जो भीड़ नियंत्रित नजर आ रही थी, वह बिजली गुल होने के बाद अचानक से बेकाबू हो जाती है और इतनी बड़ी घटना घटती है. आजतक ने जिन परिवार के सदस्यों से बात की, उनमें से हर एक का कहना था कि सड़क काफी संकरी थी और चलने-फिरने तक की जगह नहीं थी.

तमिलनाडु के डीजीपी वेंकटरमन ने बताया कि आयोजकों ने 10 हजार लोगों के आने की उम्मीद जताई थी, लेकिन एक्टर की एक झलक पाने के लिए करीब 27 हजार लोग रैली स्थल पर जुट गए थे. उन्होंने कहा कि टीवीके ने एक्स अकाउंट पर कहा गया था कि एक्टर 12 बजे रैली करने आएंगे और सुबह 11 बजे से ही भीड़ आनी शुरू हो गई थी. वह शाम सात बजे के बाद आए, तेज धूप में लोगों के पास पर्याप्त भोजन और पानी तक नहीं था.

‘मौके पर ही दो बच्चों की मौत’

हादसे के एक पीड़ित के रिश्तेदार विनोद कुमार के मुताबिक विजय का इंतज़ार काफी लंबा हो गया था. इस बीच शाम 7 से 7:30 बजे तक बिजली गुल रही और उनके आने से ठीक पहले भीड़ उमड़ पड़ी. उन्होंने बताया कि मेरी भाभी और उनके 11 और 7 साल के दो बच्चों की मौके पर ही मौत हो गई. बड़े और छोटे बच्चे को सांस लेने में तकलीफ हो रही थी और वे अपनी मां से अलग हो गए. उन्होंने बताया कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में दम घुटने की पुष्टि हुई है.

एक अन्य पीड़िता जयंती (45) की अपने 20 साल के बेटे अश्विन कुमारन के साथ रैली में हिस्सा लेने के दौरान मौत हो गई. अश्विन ने आरोप लगाया कि पुलिस और टीवीके के कार्यकर्ता पर्याप्त इंतजाम करने में विफल रहे. उन्होंने कहा कि टीवीके के कार्यकर्ता खुद भी घायल हुए और मदद नहीं कर सके. कोई भी हमें यह नहीं बता रहा था कि एम्बुलेंस कहां हैं. पानी की कोई व्यवस्था नहीं थी और सड़क बहुत ही ज्यादा संकरी थी.

सड़क किनारे नाले में गिरने से गई जान

कार्यक्रम स्थल पर जूतों के ढेर, कुचली हुई पानी की बोतलें, फटे हुए झंडे, टूटे हुए डंडे और बिखरा हुआ मलबा बिखरा पड़ा था. कई लोग भागने की कोशिश में सड़क किनारे निचले नाले में गिर गए. कुछ लोग छप्पर की छतों पर चढ़ गए और गिर गए, जबकि पुलिस ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए लाठीचार्ज भी किया.

भगदड़ के दौरान किसी तरह बचकर निकले एक व्यक्ति ने कहा कि जब फैंस विजय के नारे लगा रहे थे, तो कई लोगों को पता ही नहीं चला कि वहां भगदड़ मच गई है. लोग जमीन पर गिरे हुए लोगों पर पैरों से ठोकर मार रहे थे.

विजय ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करके पीड़ितों के लिए दुख जताया और अस्पताल में भर्ती लोगों के जल्द स्वस्थ होने की कामना की. तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन डॉक्टरों और प्रभावित परिवारों से मिलने चेन्नई से करूर पहुंचे और उन्होंने घायलों को बेहतर से बेहतर इलाज मुहैया कराने का भरोसा जताया है.

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