Vijay Shah: मंत्री विजय शाह ने एमपी हाईकोर्ट के एफआईआर के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में दी चुनौती

जबलपुर (MP News)। मध्य प्रदेश के जनजातीय कार्य मंत्री विजय शाह द्वारा कर्नल सोफिया कुरैशी को लेकर दिए गए विवादित बयान पर उनके खिलाफ महू के मानपुर थाने में बुधवार देर रात एफआईआर दर्ज की गई थी। मंत्री द्वारा एफआईआर रद्द कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट में अर्जी लगाई की जानकारी सामने आई है। याचिका में उन्होंने अपने बयान पर माफी भी मांगी है।

इस मामले पर स्वत: संज्ञान लेते हुए कोर्ट ने विजय शाह के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए थे। इस मामले में आज मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में सुनवाई होना है। आज हाईकोर्ट के पटल पर उस वीडियो का लिंक भी रखे जाएंगे, जिसमें मंत्री ने कर्नल सोफिया को लेकर टिप्पणी की थी।

कांग्रेस कर रही मंत्री को पद से हटाने की मांग

इधर कांग्रेस मंत्री विजय शाह को पद से हटाने की मांग कर रही है। प्रदेश के इंदौर, भोपाल और जबलपुर सहित कई शहरों में मंत्री शाह के खिलाफ प्रदर्शन भी किया गया था।

इन धाराओं में दर्ज हुआ केस, उम्र कैद या 7 साल तक की सजा का प्रविधान

बीएनएस (भारतीय न्याय संहिता) की धारा 152 : अलगाव, सशस्त्र विद्रोह और विध्वंसक गतिविधियों को भड़काने वाले कृत्यों को अपराध मानती है। यह देश की संप्रभुता, एकता और अखंडता को खतरे में डालने वाले कार्यों को भी अपराध मानती है। इसमें उम्रकैद या सात साल तक के कारावास के दंड का प्रविधान है।

बीएनएस 196(1)(ख) : धर्म, जाति, जन्मस्थान, निवास, भाषा आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देने और सद्भाव बनाए रखने के लिए हानिकारक कार्य करने से संबंधित है। इसमें पांच वर्ष के कारावास का प्रविधान है।

बीएनएस 197(1)(ग) : राष्ट्रीय एकता को नुकसान पहुंचाने वाले कार्यों से संबंधित है। इसमें किसी भी समूह की भारत के संविधान के प्रति सच्ची श्रद्धा और निष्ठा को संदेह में लाने वाले आरोप, दावे या कथन शामिल हैं। इसमें तीन वर्ष के कारावास का प्रविधान है।

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