विजय शाह की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई सोमवार,19 मई के लिए टल गई है. उनके वकील की तरफ से कुछ अतिरिक्त दस्तावेज दाखिल करने की अनुमति मांगने पर कोर्ट ने सुनवाई टाल दी. विजय शाह ने सेना की कर्नल सोफिया कुरैशी के बारे में विवादित बयान दिया था. इसके लिए हाई कोर्ट ने उनके ऊपर एफआईआर का आदेश दिया है. इसी आदेश के खिलाफ वह सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं.
शुक्रवार को विजय शाह की याचिका जस्टिस सूर्य कांत और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की बेंच में सुनवाई के लिए लगी थी. शाह के लिए पेश वरिष्ठ वकील मनिंदर सिंह ने जजों को बताया कि याचिका 14 मई को आए हाई कोर्ट के आदेश के आधार पर दाखिल हुई है. 15 मई को हाई कोर्ट ने एक और आदेश दिया है. वह उसे भी सुप्रीम कोर्ट के सामने रखना चाहते हैं. जस्टिस सूर्य कांत ने इससे सहमति जताते हुए कहा कि ऐसा करना जरूरी है.
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विजय शाह की याचिका का विरोध करने के लिए वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल और विवेक तनखा भी कोर्ट में मौजूद थे. सिब्बल ने पक्ष रखने की अनुमति मांगी. बेंच ने कहा कि सुनवाई के दौरान उन्हें भी अपनी बात रखने का अवसर दिया जाएगा.
‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान सेना के प्रवक्ता की भूमिका निभाने वाली सेना की कर्नल सोफिया कुरैशी को लेकर शाह के विवादित भाषण पर हाई कोर्ट की जबलपुर खंडपीठ ने स्वतः संज्ञान ले लिया था. मंत्री की भाषा को गटर स्तर का बताते हुए 14 मई को हाई कोर्ट ने राज्य के डीजीपी को 4 घंटे के भीतर केस दर्ज करने को कहा था. उसी शाम इंदौर के महू तहसील के मानपुर थाने में मंत्री पर एफआईआर दर्ज हो गई.
15 मई को हाई कोर्ट ने मामले पर आगे सुनवाई की. उस दिन हाई कोर्ट ने एफआईआर को कमजोर बताते हुए पुलिस की आलोचना की और उसमें सुधार का आदेश दिया. शाह के वकील ने सुप्रीम कोर्ट से इसी आदेश को रिकॉर्ड पर रखने की अनुमति मांगी है. सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में विजय शाह ने कहा है कि मामले में इतनी कठोर कार्रवाई की जरूरत नहीं थी. उनके बयान को तोड़ मरोड़ कर गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया. वह अपने बयान के लिए माफी भी मान चुके हैं.