दो बेजुबान बंदरों की मौत पर फ़फ़क-फ़फ़क कर रो पड़ा विक्रम, हर किसी का हृदय छल्ली-छल्ली हो गया

बलिया: आप इंसानों को इंसानों की मौत पर फ़फ़क-फ़फ़क कर रोते हुए देखा होगा. आज जो तस्वीर हम आप को दिखा रहे है इस तस्वीर में एक इंसान दो मासूम बेजुबानों की मौत पर फ़फ़क कर रोता दिखेगा. जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. जिस किसी ने इस वीडियो को देखा उसकी आंखें नम हो गयी और कलेजा मानो छल्ली-छल्ली हो गया. वीडियो में एक व्यक्ति के हांथो में दो मृत बन्दर है बगल में एक महिला के हांथो में फूलों की माला और आंखों में अंशु है. मृत बन्दरो को अपने सीने से लगा कर युवक फ़फ़क-फ़फ़क कर रो रहा है. ये तस्वीर बेहद ही मार्मिक है. इंसानों ने इंसानों से जुड़ने के लिए अनगिनत रिश्ते बनाये और हर रिश्ते को एक नाम दिया है जब इंसान किसी बेजुबान से जुड़ता है तो बिना किसी नाम के रिश्ता जोड़ लेता है और बिना नाम वाला रिश्ता प्रकृति को एक बड़ा संदेश देता है जिसे आप इस मार्मिक तस्वीर में देख सकते है.

समाज को एक अलग संदेश देने चला यह शख्स सभी को रुला दिया। खुद सात दिन तक डिप्रेशन में जाने के बाद समाज के लिए वीडियो वायरल किया, उद्देश्य था कि लोग बेजुबानों को समझे कि इंसान की तरह उन्हें भी दर्द होता है. हम बात कर रहे हैं मशहूर स्नेक सेवर विक्रम वर्मा की जिन्होंने पशु पक्षियों के प्रति प्रेम की अनोखी अलख जगाई है.

आपको बताते चलें कि विक्रम बलिया जनपद के सागरपाली गांव के रहने वाले हैं। उनके परिवार में पीढ़ी दर पीढ़ी सांप पालने और जहर निकालने का काम होता आया है, जो फिलहाल बंद है लेकिन विक्रम समय-समय पर प्रशासन के सहयोग के साथ अन्य जगह से भी सांप पकड़ कर जंगल में छोड़ देते हैं.

वीडियो वायरल होने के बाद वीडियो में दिख रहा युवक विक्रम वर्मा से मुलाकात की गई. उन्होंने बताया कि वह बचपन से ही पशु पक्षियों रहते है. वहीं वायरल वीडियो पर उन्होंने कहा कि यह बंदर के बच्चे हैं, जिनकी मां बचपन में ही मर चुकी थी. एक की मां ऊंचाई से गिर गई तो दूसरे की मां को कुत्तों ने काट लिया था. सूचना मिलने पर देर रात जिले से बाहर जाकर इन बंदर के बच्चों को अपने पास लाए थे, तब से इन्होंने इन बेजुबानों को पाल रखा है. सुबह शाम आसपास के पेड़ पौधे पर यह घूमते हैं. इसी दौरान एक बच्चा बिजली के चपेट में आ गया जिसे दूसरा बचाने का प्रयास किया तो मौके पर ही दोनों बंदर के बच्चों की मौत हो गई.

बेजुबानों से रिश्ता रखने वाले विक्रम के लिए यह दृश्य हृदय विदारक था. यहां तक की इन बंदर के बच्चों के अंतिम संस्कार के समय विक्रम अपना आपा खो बैठे और खूब रोए. विक्रम ने बताया कि यह वीडियो 7 दिन पुराना है. डिप्रेशन में होने के कारण आज शाम को इसे स्टेटस में लगाए, ताकि लोग देख करके और पशु पक्षियों से प्रेम करें.

विक्रम वर्मा न केवल बलिया जनपद में बल्कि, अन्य दूर-दूर तक जा करके घायल बेजुबानों को अपने यहां लाते हैं और पशु चिकित्सालय में डॉक्टर के परामर्श के अनुसार उसका इलाज करवाते हैं और स्वस्थ हो जाने पर पुनः प्रकृति को सौंप देते है. उन्होंने कहा कि इन मृतक दो बंदरो के बच्चों से उनका काफी लगाव हो गया था. इनको वह अपना बच्चा मानते थे. लेकिन सायद कुदरत को यही मंजूर था जो उनके सीने से चिपक कर रहने वाले बेजुबान बन्दर उनके पास नही है.

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