जसवंतनगर/इटावा: उत्तर प्रदेश के इटावा जिले के जसवंतनगर तहसील के भैसान गांव में प्रधानी चुनाव की पुरानी रंजिश एक बार फिर खूनी संघर्ष में बदल गई. वर्चस्व की लड़ाई में दो जातियों के सदस्य आपस में भिड़ गए, जिसके परिणामस्वरूप लाठी-डंडे, पत्थरबाजी और कथित फायरिंग हुई.
इस हिंसक झड़प में लगभग एक दर्जन लोग गंभीर रूप से घायल हो गए, जबकि पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए दोनों पक्षों के करीब तीन दर्जन लोगों को हिरासत में ले लिया है. इस घटना से गांव में तनाव का माहौल व्याप्त है और पुलिस स्थिति पर कड़ी नजर रख रही है.
घटना की शुरुआत बुधवार सुबह करीब साढ़े सात बजे हुई, जब ब्राह्मण पक्ष के विवेक और दूसरे पक्ष के शिवकुमार प्रजापति के बीच किसी बात को लेकर तीखी गाली-गलौज हो गई. हालांकि, मौके पर मौजूद लोगों ने बीच-बचाव कर मामले को शांत करा दिया था, लेकिन यह शांति ज्यादा देर तक कायम नहीं रह सकी.
दोपहर करीब दो बजे दोनों पक्षों के लोग एक बार फिर आमने-सामने आ गए और इस बार माहौल और भी ज्यादा उग्र हो गया. देखते ही देखते दोनों तरफ से लाठी-डंडे चलने लगे, पत्थरबाजी शुरू हो गई और कुछ लोगों ने कथित तौर पर फायरिंग भी की. इस अचानक हुए हमले से गांव में अफरा-तफरी मच गई. दोनों पक्षों के लोग एक-दूसरे पर जमकर हमलावर थे.
इस दौरान राहगीरों ने भी बीच-बचाव करने की कोशिश की, लेकिन स्थिति की गंभीरता को देखते हुए उन्होंने तुरंत पुलिस को सूचना दी. सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस की पीआरवी (पुलिस रिस्पांस व्हीकल) टीम तत्काल मौके पर पहुंची. पीआरवी टीम ने स्थिति की गंभीरता को भांपते हुए तुरंत प्रभारी निरीक्षक राम सहाय को सूचित किया.
सूचना मिलते ही प्रभारी निरीक्षक भारी पुलिस बल के साथ घटनास्थल पर पहुंचे और कड़ी मशक्कत के बाद हालात को काबू में किया. पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए दोनों पक्षों के करीब तीन दर्जन लोगों को हिरासत में ले लिया, जिनमें महिला और पुरुष दोनों शामिल हैं.
इस हिंसक झड़प में कई लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं, जिनकी पहचान जितेंद्र, धीरेंद्र, शनि, अश्वनी, नितिन, शिवकुमार, चंद्रकांत, रघुराज, शिवम, रामभगवान, सुनील कुमार, विवेक कुमार, प्रवीण, अतुल, विमलेश, धर्मेंद्र, मनीष, शिवम, अवधेश, संजय, सोनी देवी, निधि, रजनी और रामसुंदर के रूप में हुई है. घायलों को इलाज के लिए स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया है, जबकि कुछ गंभीर रूप से घायलों को जिला अस्पताल रेफर किया जा सकता है.
घटना के बाद दोनों ही पक्ष एक-दूसरे पर गंभीर आरोप लगा रहे हैं. एक तरफ जहां प्रजापति समाज के लोग ब्राह्मण पक्ष पर लाठी-डंडों और ईंटों से हमला करने के साथ-साथ गोलियां चलाने का आरोप लगा रहे हैं, वहीं ब्राह्मण पक्ष ने प्रजापति समाज के लोगों पर आगजनी करने का आरोप लगाया है. हालांकि, पुलिस ने इन आरोपों की पुष्टि नहीं की है.
इस मामले में प्रभारी निरीक्षक राम सहाय सिंह ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि दोनों पक्षों के लगभग एक दर्जन से ज्यादा लोग घायल हुए हैं. उन्होंने यह भी बताया कि हिरासत में लिए गए सभी लोगों को सीआरपीसी की धारा 170 के तहत गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया जाएगा. फायरिंग के आरोपों को उन्होंने सिरे से खारिज करते हुए कहा कि प्रारंभिक जांच में फायरिंग की कोई पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन दोनों पक्षों के बीच पत्थरबाजी जरूर हुई है.
ब्राह्मण पक्ष द्वारा लगाए गए आगजनी के आरोप पर उन्होंने कहा कि आग लगने की घटना एक मकान की तीसरी मंजिल पर हुई है, जहां किसी बाहरी व्यक्ति द्वारा आग लगाना संभव प्रतीत नहीं होता है. उन्होंने यह भी बताया कि अभी तक किसी भी पक्ष से आधिकारिक तहरीर (शिकायत) प्राप्त नहीं हुई है। तहरीर मिलने के बाद विधिवत रूप से मामला दर्ज कर आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
फिलहाल, भैसान गांव में तनाव का माहौल बना हुआ है. पुलिस गांव में लगातार गश्त कर रही है और स्थिति पर कड़ी निगरानी रख रही है ताकि किसी भी अप्रिय घटना को टाला जा सके. इस जातीय हिंसा ने एक बार फिर क्षेत्र में सामाजिक सौहार्द को खतरे में डाल दिया है और प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है. पुलिस का कहना है कि मामले की निष्पक्ष जांच की जाएगी और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. गांव के लोग अब शांति और सामान्य स्थिति बहाल होने की उम्मीद कर रहे हैं.