Madhya Pradesh: “जहां उम्मीदें थीं, वहां अब सिर्फ पानी है।” — यह कथन मध्यप्रदेश के सीधी जिले की ग्राम पंचायत नौढींयां क्रमांक-1 पर पूरी तरह लागू होता है। यह गांव पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम के विधानसभा क्षेत्र देवतालाब में आता है, लेकिन इन दिनों यह पानी में डूबा हुआ है। घरों में चार फीट तक पानी भर चुका है। बर्तन तैर रहे हैं, रसोईघर डूबे हैं, भगवान की मूर्तियां तक पानी में समा चुकी हैं.
जब मौके पर पहुंची, तो गांव का हर कोना एक त्रासदी की गवाही दे रहा था। टीम ने घुटनों तक भरे पानी में चलकर तस्वीरें और वीडियो लिए, जिसमें ग्रामीणों की हालत देखकर किसी का भी दिल दहल जाए। ये तस्वीरें केवल बाढ़ की नहीं, बल्कि प्रशासनिक उदासीनता की भी हैं.
पिछले साल भी गांव डूबा था। तब ग्रामीणों ने विधायक गिरीश गौतम से शिकायत की थी, जिस पर वे खुद गांव पहुंचे और कहा था, “जलनिकासी की स्थायी व्यवस्था की जाएगी।” मगर एक साल बीत गया, हालात जस के तस हैं.
स्थानीय लोगों ने बताया, कुछ रसूखदार लोगों ने मिट्टी डालकर जलनिकासी का रास्ता ही बंद करवा दिया। इसकी शिकायत विधायक, एसडीएम से लेकर तत्कालीन कलेक्टर अजय श्रीवास्तव तक की गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई.
सबसे हैरानी की बात यह है कि गांव का मुख्य रास्ता तक अब अतिक्रमण की चपेट में है। जिस पगडंडी से लोग आते-जाते थे, वहां किसी ने अवैध रूप से मकान बना लिया। अब बुजुर्ग, महिलाएं और बच्चे सब पानी से लबालब गलियों से होकर गुजरने को मजबूर हैं.
प्रश्न प्रशासन से:
गौरतलब है, यह वही क्षेत्र है जहां से भाजपा के वरिष्ठ नेता गिरीश गौतम विधायक रहे हैं। अगर उनके गांव की यह हालत है, तो प्रदेश के अन्य ग्रामीण इलाकों का हाल क्या होगा — यह सवाल प्रशासन से ज़्यादा जनता के गले की फांस बन चुका है.