छत्तीसगढ़ में ग्रामीणों और नक्सलियों ने पुलिस पर एयर स्ट्राइक का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि, जवानों ने आसमान से ड्रोन के जरिए जमकर बम गिराए. इस दौरान कुछ बम फट गए और कुछ जिंदा मिले हैं. ग्रामीणों ने जिंदा BGL (बैरल ग्रेनेड लॉन्चर) भी दिखाया. मामला पामेड़ थाना क्षेत्र का है.
दरअसल, बीजापुर-सुकमा बॉर्डर पर नक्सल प्रभावित गांव पालागुड़ा में पुलिस के खिलाफ ग्रामीण प्रदर्शन कर रहे हैं. ग्रामीणों का कहना है कि 7 अप्रैल की सुबह करीब 11 से 12 बजे के बीच पालागुड़ा, इत्तागुड़ा, गोमगुड़ा जैसे गांव के जंगलों में पुलिस ने ड्रोन से हमला किया है.
ग्रामीणों का कहना है कि इस दौरान महिलाएं जंगल में महुआ एकत्र करने के लिए गई थीं. इसी बीच करीब आधे घंटे तक लगातार ड्रोन से बमबारी करने के साथ ही BGL दागे गए. ग्रामीणों ने पेड़ों पर बम फटने के निशान भी दिखाए.
गांव वालों का कहना है कि, जिन-जिन जगहों पर बम गिरकर फटे हैं, वहां बड़े गड्ढे हो गए हैं. पेड़ और जानवरों को नुकसान हुआ है हालांकि, इस घटना में किसी तरह की कोई जन हानि नहीं हुई है. जो बम नहीं फटे उसे सबूत के तौर पर ग्रामीणों ने अपने पास रखा है. अब ग्रामीण गांव में उसी बम को हाथों में पकड़कर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.
नक्सलियों ने भी हवाई बमबारी को लेकर तस्वीर और पर्चा जारी किया है. जिसमें दो ग्रामीण महिलाएं महुआ इकट्ठा कर रही हैं. पर्चा के माध्यम से नक्सली कह रहे हैं कि, पुलिस ने गांवों पर एयर स्ट्राइक किया है. करीब 30 से ज्यादा बम गिराए जाने का आरोप लगाया है.
नक्सली लीडर गंगा ने जो पर्चा जारी किया है उसमें लिखा है कि, पिछले 4 महीने में सुकमा-बीजापुर जिले के जंगल में करीब 11 से ज्यादा कैंप खोले गए हैं. पुलिस ट्रैक्टर भर-भर कर हथियार, गोला बारूद और ड्रोन बम ला रही है.
इस मामले में मीडिया ने बीजापुर और सुकमा जिले के SP से बातचीत की. बीजापुर SP जितेंद्र यादव ने हवाई बमबारी के बारे में कहा कि मुझे इसकी जानकारी नहीं है ये हमारे क्षेत्र का मामला नहीं है. वहीं जब सुकमा SP किरण चव्हाण से बात की, तो उन्होंने भी इसी तरह का जवाब दिया और कहा कि मुझे इसकी जानकारी नहीं है. यह सुकमा इलाके का मामला नहीं है.