मध्यप्रदेश : गुना जिले में अंडर पास में पानी जमा होने की समस्या से परेशान ग्रामीणों का पारा शुक्रवार को सातवें आसमान तक जा पहुंचा,जिसके लिए ग्रामीणों ने इंटरसिटी एक्सप्रेस का रास्ता आधे घंटे के लिए रोक लिया,जिसकी सूचना लगते ही पुलिस प्रशासन हरकत में आया और ग्रामीणों को समझाइश देकर ट्रेन का रस्ता खाली कराया गया.
आपको बता दे मध्यप्रदेश के गुना जिले के म्याना क्षेत्र के ग्राम खजूरी में स्थित रेलवे की पुलिया में पानी भर जाने से परेशान ग्रामीणों ने शुक्रवार को इंटरसिटी एक्सप्रेस ट्रेन रोक दिया और लगभग 30 मिनट तक रेलवे ट्रेक पर ही बैठकर प्रदर्शन किया, ग्रामीणों की नाराजगी और ट्रेन रुकने की जानकारी मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और ग्रामीणों को समझाइश दी गई,वही रेलवे ने भी अंडरपास पर पम्प रखवाकर पानी निकलवाने के इंतजाम किए हैं.
जानकारी के मुताबिक यह पूरा मामला म्याना क्षेत्र से कुछ ही दूरी पर स्थित खजूरी के मुख्य मार्ग से गुजरने वाले रेलवे ट्रेक का है,यहां बारिश के दौरान रेल प्रशासन ने पम्प लगा दिया था, ताकि पानी की निकासी की जा सके,लेकिन लगभग 15 दिन पहले ही रेलवे के अधिकारी पम्प को उठाकर ले गए,जिसके बाद अब अंडरपास में आसपास के खेतों और रिहायशी क्षेत्र से आने वाला पानी भर जाता है, समस्या इतनी गंभीर है कि बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं, और ग्रामीणों को आवागमन में भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है.
साथ ही ग्रामीणों ने बताया है कि, उन्होंने इससे पहले रेलवे को प्रबंधन, स्थानीय जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों को इस मामले से अवगत कराया था, और अपनी समस्या के बारे में जानकारी दी थी,और कुछ समय पहले दो बच्चे रेलवे अंडरपास के पानी में गिर गए थे, जिससे उन्हें निमोनिया हो गया था और उनकी मौत हो गई थी, अंडरपास की परेशानी जानलेवा बनते देख ग्रामीणों के पास आंदोलन के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं था.
इसलिए शुक्रवार को लगभग एक सैकड़ा लोग अंडरपास के नजदीक ही रेलवे ट्रेक पर खड़े हो गए,और इस समय ट्रेक पर इंटरसिटी एक्सप्रेस को गुजरना था, लेकिन पटरी पर बैठे ग्रामीणों की वजह से ट्रेन आधा घंटे तक रुकी रही. इसके बाद रेलवे प्रशासन हरकत में आया,और जीआरपी ने ग्रामीणों को समझाइश देकर ट्रेक से हटाया,और कुछ देर बाद खजूरी के अंडरपास पर एक पम्प रखवाया गया, जिसकी मदद से पानी निकाल दिया गया गया। हालांकि ग्रामीणों ने कहाकि अंडरपास से पानी निकालने के लिए पम्प की स्थाई व्यवस्था की जाए,अन्यथा वे दोबारा आंदोलन करने के लिए मजबूर होंगे.