हरियाणा के नूंह में हिंसक झड़प में गिरफ्तार किए 5 आरोपियों को जमानत मिल गई है। पांचों आरोपियों को बुधवार को कोर्ट में पेश किया गया था। यहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था, लेकिन इसके बाद इन्हें फिरोजपुर झिरका के एडिशनल सिविल जज विकास की अदालत ने जमानत दे दी। इनकी पैरवी एडवोकेट हाशिम ने की।
पांचों राजस्थान में अलवर जिला के हाजीपुर के रहने वाले हैं। इनमें लुकमान (32), जुबैर (37), उमरदीन (35), सकरुल्ला खान (40) और रुस्तम (37) शामिल हैं। पुलिस के मुताबिक, बाकी फरार आरोपियों की तलाश के लिए 3 टीमें गठित की गई हैं।
फिलहाल इलाके में अब माहौल शांतिपूर्ण है। फिर भी एहतियात के तौर पर मौके पर पुलिस की 2 कंपनियां तैनात हैं।
दरअसल, मंगलवार को गाड़ी खड़ी करने के विवाद ने हिंसक रूप ले लिया था। हंगामा बढ़ने पर राजस्थान बॉर्डर के थानों की पुलिस बुलाई गई, लेकिन भीड़ डेढ़ घंटे तक बेकाबू रही। इसके बाद पुलिस ने करीब 40 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है।
इस मामले में गांव मुड़ाका के सरपंच रामकिशन सैनी ने मीडिया से बात करते हुए आरोप लगाया कि पहले 2 युवकों ने टेंट व्यापारी पर बोतल से हमला किया, फिर मस्जिद से ऐलान करवाकर भीड़ जुटाई गई।
सरपंच ने आगे कहा कि भीड़ ने मकानों व दुकानों की छतों से पथराव किया, कांच की बोतलें फेंकीं और एक बाइक व दुकान में आग लगा दी। इसमें करीब 7 लोग घायल हुए।
सरपंच ने आरोप लगाया कि हमलावरों ने 2023 में ब्रजमंडल यात्रा के दौरान हुए नूंह दंगों की रंजिश में यह हमला किया। वहीं, दूसरे पक्ष की एक महिला ने आरोप लगाया कि हमारे घर में लूटपाट की गई। परिवार के 3 लोगों से मारपीट की। साथ ही मिट्टी का तेल छिड़ककर आग लगाने की कोशिश भी की गई।
हालांकि नूंह पुलिस के प्रवक्ता कृष्ण कुमार ने कहा कि मस्जिद से ऐलान करने की बात ग्रामीण बोल रहे हैं। वह बेबुनियाद है। इसमें कोई सच्चाई नहीं है।