टीम इंडिया के पूर्व कप्तान विराट कोहली के मैदान पर उतरने का इंतजार फैन्स को बेसब्री से है. कोहली इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) 2025 में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) की खिताबी जीत के बाद से क्रिकेटिंग एक्शन से दूर हैं. कोहली अब ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उसकी धरती पर अक्टूबर में होने वाली 3 मैचों की वनडे सीरीज में खेलते नजर आ सकते हैं.
ऑस्ट्रेलिया दौरे के मद्देनजर मद्देनजर विराट कोहली ने हाल ही में लंदन में अपना फिटेनस टेस्ट दिया है. जबकि बाकी भारतीय खिलाड़ियों ने यह टेस्ट बेंगलुरु स्थित भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड (BCCI) के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (COE) में दिया था. विजयकुमार वैशाक को छोड़ दें, तो बाकी खिलाड़ी फिटनेस टेस्ट पास करने में सफल रहे.
विराट कोहली ने अपने फिटनेस टेस्ट के स्कोर भारतीय फुटबॉल टीम के पूर्व कप्तान सुनील छेत्री संग शेयर किए हैं. छेत्री विराट के फिटनेस स्कोर देखकर काफी प्रभावित हुए. हालांकि छेत्री ने ये नहीं बताया कि कोहली को फिटनेस टेस्ट में कितने अंक मिले. छेत्री और कोहली के बीच काफी अच्छी दोस्ती है. छेत्री ने कोहली की तुलना फुटबॉल के दिग्गज क्रिस्टियानो रोनाल्डो से की.
सुनील छेत्री ने देसीपीएल (Desipl) पॉडकास्ट पर कहा, ‘कुछ दिन पहले विराट ने मुझे अपने फिटनेस टेस्ट के स्कोर भेजे थे. यह बहुत ही मनोरंजक है, ऐसे लोगों को जानना बहुत अच्छा लगता है. विराट के फिटनेस लेवल को देखकर कोई भी इंसान आलस भरे दिनों में भी मोटिवेट हो सकता है. जब आप टॉप पर होते हैं, तो हर कोई विराट कोहली या रोनाल्डो बनना चाहता है.’
…जब कोहली ने शेयर किया था यो-यो टेस्ट का स्कोर
बीसीसीआई के सीओई में भारतीय खिलाड़ियों का पहले यो-यो टेस्ट हुआ. फिर हड्डियों की मजबूती जांचने के लिए डीएक्सए (DXA) स्कैन भी किया गया. विराट कोहली भी लंदन में यो-यो टेस्ट और डीएक्सए स्कैन से गुजरे होंगे. जब कोहली ने अगस्त 2023 में अपने यो-यो टेस्ट स्कोर को इंस्टाग्राम अकाउंट पर साझा किया था. तब काफी बवाल हुआ था. बीसीसीआई ने भारतीय खिलाड़ियों को फिटनेस स्कोर ऑनलाइन शेयर नहीं करने की सलाह दी थी क्योंकि इससे अनुबंध की शर्तों का उल्लंघन हो सकता है.
सुनील छेत्री ने बताया कि विराट कोहली और क्रिस्टियानो रोनाल्डो दोनों ही अपनी उपलब्धियों से कभी संतुष्ट नहीं होते, चाहे उन्होंने कितनी भी बड़ी सफलता क्यों ना हासिल कर ली हो. छेत्री के मुताबिक वे दोनों हमेशा खुद को और बेहतर करने की कोशिश करते हैं. छेत्री ने कहा कि उन्होंने भी यही सोच अपने जीवन में अपनाने की कोशिश की है. छेत्री का मानना है कि जैसे ही इंसान यह सोचना शुरू कर देता है कि उसने क्या अच्छा या बुरा किया, वो अपने रास्ते से भटकने लगता है.