अष्टमी पर करें दिल्ली के इन प्रसिद्ध मंदिरों के दर्शन, फैमिली संग बनाएं खास प्लान…

नवरात्रि का पर्व हिन्दू धर्म में विशेष महत्व रखता है. इस दौरान मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा-अर्चना की जाती है. नवरात्रि की अष्टमी, जिसे महाष्टमी भी कहा जाता है, खासतौर पर कन्या पूजन और मां महागौरी की उपासना के लिए जानी जाती है. इस दिन कई श्रद्धालु व्रत रखते हैं, कन्याओं को भोज कराते हैं और मंदिरों में जाकर मां के दर्शन करते हैं. दिल्ली, न सिर्फ देश की राजधानी है, बल्कि यहां धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व के कई सुंदर और प्राचीन मंदिर भी स्थित हैं.

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तो अगर आप इस अष्टमी पर अपने परिवार के साथ किसी खास जगह पर दर्शन करने का प्लान बना रहे हैं, तो दिल्ली के ये प्रसिद्ध मंदिर आपके लिए परफेक्ट ऑप्शन हो सकते हैं. आइए जानें ऐसे ही कुछ दिल्ली के प्रमुख दुर्गा मंदिर, जहां अष्टमी के दिन दर्शन करना खास फलदायी माना जाता है.

1. झंडेवाला देवी मंदिर (करोल बाग)

दिल्ली के सबसे प्रसिद्ध शक्ति पीठों में से एक, झंडेवाला देवी मंदिर, अष्टमी के दिन लाखों भक्तों से गुलजार रहता है. यहां मां झंडेवाली देवी के दर्शन करने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है. यहां सिर्फ अष्टमी ही नहीं बल्कि नवरात्रि के पूरे 9 दिन भक्तों की भीड़ लगी रहती है. आप भी एक बार यहां जरूर जाएं.

2.कालका जी मंदिर (नेहरू प्लेस)

मां कालका को समर्पित ये मंदिर अष्टमी और नवमी के दिन भक्तों से भरा होता है. ये मंदिर शक्ति की देवी के प्रमुख मंदिरों में से है और यहां की आस्था दिल्ली और आस-पास के लोगों के बीच बहुत गहरी है. खास बात तो ये कि नवरात्रों में यहां स्पेशल मेले और भजन-कीर्तन का आयोजन किया जाता है.

3.छत्तरपुर मंदिर (एम.जी. रोड)

दिल्ली का यह विशाल और सुंदर मंदिर परिसर मां दुर्गा के कई रूपों को समर्पित है. यहां की सफाई, सुंदरता और शांत माहौल फैमिली के साथ समय बिताने के लिए बेहतरीन है. यहां हर नवरात्रि में मां कट्यायनी की विशेष पूजा होती है.

4. योगमाया मंदिर (महरौली)

दिल्ली के सबसे प्राचीन मंदिरों में से एक, योगमाया मंदिर. ये मंदिर मां दुर्गा के एक रूप को समर्पित है. यह मंदिर अष्टमी पर खास पूजा और कन्या भोज का आयोजन करता है. ये मंदिर ऐतिहासिक और आध्यात्मिक दोनों दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण माना गया है.

5. श्री आद्या कात्यायनी शक्तिपीठ मंदिर (छत्तरपुर)

यह मंदिर भी मां कात्यायनी को समर्पित है और नवरात्रि के नौ दिनों में विशेष पूजा होती है. अष्टमी के दिन यहां भक्तों की भारी भीड़ रहती है. इस मंदिर की खास बात ये है कि ये काफी बड़ी जगह में फैला हुआ है इसलिए यहां भीड़ के बावजूद भक्त आराम से दर्शन कर सकते हैं .

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