लोकल से वोकल: धमतरी बनेगा स्वच्छ आतिशबाजी का केंद्र, चटोद की 100 से अधिक महिलाएं बारूद रहित पटाखें बनाने में जुटीं

कुरुद: धमतरी जिले के ग्राम चटोद में स्थानीय महिलाएँ अब पर्यावरण अनुकूल ग्रीन पटाखों के निर्माण में संलग्न हैं. यह पहल प्रदूषण मुक्त त्योहार और ग्रामीण महिलाओं के लिए रोजगार का नया अवसर साबित हो रही है. मंगलवार को पूर्व केबिनेट मंत्री एवं कुरुद विधायक अजय चंद्राकर ने ग्राम चटौद में श्री गणेशा फायर वर्क्स प्राइवेट लिमिटेड का शुभारंभ किया. इस अवसर पर दुर्ग लोकसभा सांसद विजय बघेल भी शामिल हुए.

इस दौरान चंद्राकर ने कहा कि इस उद्योग से लगभग क्षेत्र के 200 से आधिक ग्रामीण महिलाओं को रोजगार मिलेगा. यह अवसर केवल रोजगार तक सीमित नहीं, बल्कि मातृशक्ति को आत्मनिर्भरता और समृद्धि की ओर अग्रसर करने का मार्ग है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  के ‘वोकल फॉर लोकल’ को नई ऊर्जा देती यह पहल, आत्मनिर्भर भारत की जीवंत पहचान है.

कलेक्टर ने किया निरीक्षण, लिया सुरक्षा व्यवस्था का जायज़ा

कलेक्टर अबिनाश मिश्रा गणेशा फायरवर्क्स यूनिट पहुँचे और वहाँ की सुरक्षा व्यवस्था का निरीक्षण किया. उन्होंने कामकाजी महिलाओं से संवाद कर निर्माण प्रक्रिया एवं गुणवत्ता की जानकारी प्राप्त की तथा मौके पर ग्रीन पटाखा चलाकर उसकी सुरक्षा और प्रभाव का अनुभव भी किया. गणेशा फायरवर्क्स को 5 एकड़ जमीन लीज पर मुहैया करायी गयी है.

सख़्त सुरक्षा निर्देश: अग्नि शमन व्यवस्था और मॉक ड्रिल अनिवार्य

निरीक्षण के दौरान कलेक्टर ने मैनेजमेंट और अधिकारियों को निर्देश दिए कि फैक्ट्री परिसर में अग्नि शमन की मजबूत व्यवस्था हर समय उपलब्ध रहे. समय-समय पर मॉक ड्रिल कराई जाए और माचिस जैसे ज्वलनशील पदार्थ परिसर में लाने पर प्रतिबंध लगाया जाए. सुरक्षा संबंधी सूचनाओं के बोर्ड प्रमुख स्थानों पर लगाए जाएँ. एसडीएम कुरूद नभ सिंह साथ थे.

 ग्रीन पटाखे बिना बारूद के, सुरक्षित और प्रदूषण रहित

यूनिट के सेल्स हेड आशीष सिंह ने बताया कि ग्रीन पटाखों में बारूद का प्रयोग नहीं होता, जिससे यह पूरी तरह सुरक्षित रहते हैं और प्रदूषण भी नहीं फैलाते. पाँच एकड़ भूमि पर स्थापित इस यूनिट में लगभग 100 महिलाओं को प्रत्यक्ष रोज़गार मिला है. आने वाले समय में विवाह समारोहों और अन्य आयोजनों के लिए भी ग्रीन पटाखों की विभिन्न किस्में उपलब्ध कराई जाएंगी.

धमतरी बनेगा स्वच्छ आतिशबाज़ी का केंद्र

ग्रीन पटाखों की यह पहल दिवाली जैसे त्योहारों को स्वच्छ और सुरक्षित बनाने के साथ-साथ ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूती देगी. इससे महिलाओं का आत्मविश्वास बढ़ेगा और पूरे प्रदेश के लिए प्रेरणा का मार्ग प्रशस्त होगा.

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