इंडोनेशिया के माउंट रुआंग पर बुधवार से लगातार ज्वालामुखी विस्फोट हो रहे हैं. यहां 24 घंटे में 5 बार वोल्कैनो फटा है. खतरे को देखते हुए रुआंग के आसपास के क्षेत्र में रह रहे 11 हजार लोगों को सुरक्षित स्थान पर भेजा जा चुका है.
डिजास्टर मैनेजमेंट के अधिकारियों ने अगले 24 घंटे तक एयरपोर्ट बंद रखने का आदेश दिया है. ज्वालामुखी से बह रहे लावा और राख की वजह से सुनामी की चेतावनी जारी की गई है. अलजजीरा के मुताबिक, माउंट रुआंग पर पहला विस्फोट मंगलवार (16 अप्रैल) रात 9:45 मिनट पर हुआ.
इसकी वजह से हजारों फीट ऊंचा लावा उठा और राख फैल गई है. इससे पहले 1871 में इंडोनेशिया में अब तक का सबसे बड़ा ज्वालामुखी विस्फोट हुआ था.
इंडोनेशिया में आपदा केंद्र अलर्ट मोड पर है. डिजास्टर मैनेजमेंट के अधिकारियों का कहना है कि माउंट रुआंग के पास हाल ही में 2 भूकंप आए थे. इसकी वजह से टेक्टोनिक प्लेट्स अस्थिर हो गईं, जो ज्वालामुखी फटने का कारण बनीं.
अधिकारियों ने बताया कि लोगों को रेस्क्यू करने के लिए 20 बचाव कर्मियों को तैनात किया गया है. अलजजीरा के मुताबिक, इंडोनेशिया की वोल्कैनो एजेंसी ने खतरे को देखते हुए लेवल 4 की चेतावनी जारी की है. इसके अलावा ज्वालामुखी के पास के 6 किमी क्षेत्र को एक्सक्लूजिव जोन घोषित किया गया है.
इंडोनेशिया के जियोलॉजिकल एजेंसी के अध्यक्ष ने बताया, “रुआंग ज्वाल्मुखी फटने के बाद आसमान में 2 किमी की ऊंचाई तक राख का गुबार उठा. दूसरे विस्फोट के बाद यह ऊंचाई 2.5 किमी हो गई.” अलजजीरा के मुताबिक, इंडोनेशिया ‘रिंग ऑफ फायर’ के क्षेत्र में आता है. यहां पैसेफिक महासागर के करीब हॉर्स-शू के शेप की टेक्टॉनिक फॉल्ट लाइन्स हैं. देश में 120 एक्टिव वोल्कैनो मौजूद हैं.
इसके अलावा एयरपोर्ट अथॉरिटी ने रतुलंगी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर सारी उड़ाने रद्द कर दी है. इस हवाई अड्डे से चीन, सिंगापुर और दक्षिण कोरिया को जाने वाली फ्लाइट प्रभावित हुई हैं. ज्वालामुखी का असर पड़ोसी देश मलेशिया में भी दिख रहा है. मलेशिया के किनाबालु अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर कई उड़ाने लेट हो रही है.