ब्रिटेन में भारतवंशी पीएम ऋषि सुनक और उनकी कंजरवेटिव पार्टी का जल्द चुनाव का दांव फेल होता दिख रहा है. एक सप्ताह बाद 4 जुलाई को होने वाली वोटिंग से पहले अधिकांश सर्वे में कंजरवेटिव पार्टी के सफाए की भविष्यवाणी कर रहे हैं.
द इकोनोमिस्ट के सर्वे में सुनक की पार्टी को सबसे ज्यादा 117 सीटें मिलने का अनुमान जताया गया है। वहीं, सावंता-गार्जियन के सर्वे में दावा किया गया है कि कंजरवेटिव पार्टी 53 सीटों पर ही सिमट सकती है। जो 2019 के चुनाव की 365 सीटों की तुलना में बेहद कम है।
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वहीं, 650 सीटों वाले सदन में कीर स्टारमर की लेबर पार्टी को सबसे कम 425 और अधिकतम 516 सीटें मिलने का अनुमान है। 7 सर्वे के औसत में भी सुनक को 95 और स्टारमर को 453 सीटें मिलती दिख रही है।
अब सुनक के जल्द चुनाव कराने के दांव पर सवाल उठने लगे हैं। जब वे लोकप्रियता के मामले में लेबर पार्टी से 20 अंक पीछे थे, तो समय पूर्व चुनाव घोषित क्यों किए?
चुनाव के दौरान… अपनी सीट हार सकते हैं सुनक, ऐसा हुआ तो वे पहले प्रधानमंत्री होंगे.
सावंता के सर्वे में दावा किया गया कि इस चुनाव में पीएम सुनक खुद अपनी ही सीट हारने वाले हैं. सर्वे में दावा किया गया है कि पीएम सुनक खुद अपनी रिकमोंड सीट (यॉर्कशायर) भी हार सकते हैं. अगर ऐसा होता है तो वे ब्रिटेन के पहले पीएम होंगे, जिनके साथ ऐसा होगा. वहीं, पूर्व मंत्री लॉर्ड गोल्डस्मिथ ने आरोप लगाया कि सुनक संभावित हार के बाद अमेरिका शिफ्ट हो जाएंगे. हालांकि, कंजरवेटिव पार्टी और पीएम सुनक ने खंडन किया है.
स्टारमर की लेबर पार्टी के सांसद और शैडो विदेश मंत्री डेविड लैमी ने कहा है कि अगर हम सत्ता में आते हैं तो भारत के साथ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (एफटीए) पर प्राथमिकता से काम करेंगे.लंदन में इंडिया ग्लोबल फोरम में डेविड ने कहा सुनक की पार्टी 2010 से सत्ता में है.अब तक कई दिवाली बीत चुकी हैं, लेकिन उन्होंने भारत से एफटीए साइन नहीं किया. हमें भारत के साथ अपने रिश्तों को री-लॉन्च करने की जरूरत है. लेबर पार्टी इसके लिए तैयार है.