मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि दिल्ली में सभी 70 सीटों पर एक ही चरण में 5 फरवरी को वोट डाले जाएंगे. मतों की गिनती 8 फरवरी को की जाएगी.
उत्तर प्रदेश के अयोध्या में पड़ने वाली मिल्कीपुर विधानसभा सीट और तमिलनाडु की इरोड विधानसभा सीट पर 5 फरवरी को ही उपचुनाव कराए जाएंगे. जबकि मतों की गिनती 8 फरवरी को होगी. मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव ने बताया कि जम्मू-कश्मीर की 2 सीटों पर बाद में उपचुनाव कराए जाएंगे, क्योंकि वहां पर मौसम अभी खराब है.
इससे पहले सोमवार को चुनाव आयोग ने फाइनल वोटर लिस्ट जारी की थी. दिल्ली में इस बार कुल 1 करोड़ 55 लाख 24 हजार 858 वोटर हैं. चुनाव आयोग के मुताबिक, दिल्ली के चुनाव में इस बार कुल 1.55 करोड़ से ज्यादा वोटर्स होंगे. इनमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 83,49,645 जबकि महिला वोटर्स की संख्या 71,73,952 है. वहीं, थर्ड जेंडर की संख्या 1,261 है.
पिछले चुनाव में क्या रहा था परिणाम
राजधानी दिल्ली में 5 साल पहले 2020 के विधानसभा चुनाव के तहत 8 फरवरी को वोटिंग कराई गई थी जबकि वोटों की गिनती 11 फरवरी को हुई थी. तब के चुनाव में आम आदमी पार्टी (AAP) ने सभी 70 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे और 62 सीटों पर जीत हासिल की थी. बीजेपी ने 67 सीटों पर उम्मीदवार उतारे और उसे 8 सीटों पर जीत हासिल हुई थी. हालांकि कांग्रेस लगातार दूसरी बार अपना खाता यहां पर नहीं खोल सकी थी.
जबकि साल 2015 के विधानसभा चुनाव में भी अरविंद केजरीवाल की AAP ने प्रचंड बहुमत हासिल किया था. 2012 में गठित AAP को 70 में से रिकॉर्ड 67 सीटों पर जीत हासिल हुई थी. बीजेपी को सिर्फ 3 सीटों पर जीत मिली थी, जबकि कांग्रेस और अन्य दल अपना खाता नहीं खोल सके थे. साल 2014 से अब तक हुए 3 लोकसभा चुनावों में बीजेपी ने दिल्ली में अपना दबदबा बनाए रखा है और सभी सात सीटों पर कब्जा बरकरार है.
एक बार फिर दिल्ली में आम आदमी पार्टी, भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के बीच त्रिकोणीय मुकाबला माना जा रहा है. दिल्ली विधानसभा में बहुमत के लिए 36 विधायकों की आवश्यकता है.