चुनावी राज्य महाराष्ट्र में आज सियासी सरगर्मियां तेज हो गई हैं. चुनाव आयोग आज शाम 3.30 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस करने वाला है, जिसमें महाराष्ट्र चुनाव की तारीखों से लेकर मतगणना तक कार्यक्रम का ऐलान किया जायेगा.
महाराष्ट्र में फिलहाल एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली महायुति सरकार है. सत्ताधारी महायुति में एकनाथ शिंदे की शिवसेना और अजित पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के साथ ही भारतीय जनता पार्टी (BJP) भी शामिल है.
-महाराष्ट्र में चुनावी तारीख का ऐलान हो गया है. राज्य में सभी 288 सीटों पर एक चरण में ही मतदान होगा. महाराष्ट्र में 20 नवंबर को वोट डाले जाएंगे और 23 नवंबर को मतगणना होगी. चुनाव आयोग ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसकी जानकारी दी.
-चुनाव आयोग ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘महाराष्ट्र में महिला बूथ बनाए जाएंगे. राज्य में कुल 9 करोड़ 63 लाख वोटर हैं और कुल 1 लाख 186 पोलिंग बूथ हैं. सभी मतदाता बूथों पर सभी सुविधाएं उपलब्ध होंगी.’
महायुति के सामने ये चुनौती
दरअसल, महाराष्ट्र विधानसभा का कार्यकाल 26 नवंबर को पूरा हो रहा है. ऐसे में पूरी उम्मीद है कि राज्य के चुनावी नतीजे इससे पहले ही आ जाएं. महााष्ट्र चुनाव में सीएम शिंदे के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन के सामने सरकार रिपीट कराने की चुनौती है.
BJP और MVA का क्या है दावा?
बीजेपी ने चुनाव कार्यक्रम के ऐलान से पहले यह दावा किया है कि सूबे में प्रो-इनकम्बेंसी के वोट पड़ेंगे. वहीं, विपक्षी महा विकास अघाड़ी (MVA) का दावा है कि सरकार के खिलाफ माहौल है. एमवीए की कोशिश होगी कि इस विधानसभा चुनाव में जीत हासिल कर सरकार बनाई जाए और उस दर्द पर मरहम लगाया जाए, जो एकनाथ शिंदे की अगुवाई में शिवसेना विधायकों की बगावत, अजित पवार की अगुवाई में एनसीपी की बगावत से गठबंधन को मिला.
145 के जादुई आंकड़े की जरूरत
महाराष्ट्र में विधानसभा की स्ट्रेंथ 288 सदस्यों की है. महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए जरूरी जादुई आंकड़ा 145 विधानसभा सीटों का है. फुल स्ट्रेंथ विधानसभा में जिस दल या गठबंधन के पास 145 या इससे अधिक की स्ट्रेंथ होगी, सूबे में उसकी ही सरकार बनेगी.
महाराष्ट्र की सियासत में 5 साल में क्या हुआ?
महाराष्ट्र के पिछले चुनाव में भी दो गठबंधनों की लड़ाई थी, यही लड़ाई इस बार भी है लेकिन गठबंधनों का रूप बदल चुका है. 2019 के चुनाव में शिवसेना, बीजेपी की अगुवाई वाले गठबंधन में शामिल थी और एनसीपी का कांग्रेस से दोस्ताना था. इस बार के चुनाव में शिवसेना और एनसीपी, दोनों ही एक साथ महायुति में शामिल हैं. हां, फर्क इतना है कि पिछले चुनाव में उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली संयुक्त शिवसेना महायुति में थी, इस बार एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना इस गठबंधन में है. एनसीपी महायुति में है लेकिन शरद पवार महाविकास अघाड़ी में हैं. उद्धव ठाकरे और शरद पवार, दोनों ही कद्दावर नेता अपनी-अपनी पार्टियों में बगावत के बाद नाम-निशान गंवा नई पार्टी बना चुके हैं और नए नाम-निशान के साथ दोनों नेताओं का ये पहला महाराष्ट्र चुनाव होगा.