मध्य प्रदेश में मापी जा रही महिलाओं-पुरुषों की कमर, चौंका सकते हैं फैटी लिवर के आंकड़े 

भोपाल: मध्य प्रदेश में मोटापे से पीड़ित लोगों के लिए काम की खबर है. दरअसल, स्वास्थ्य विभाग हेल्दी लिवर अभियान चला रहा है. इसके तहत अब तक प्रदेश में 7 लाख से अधिक लोगों की स्क्रीनिंग की जा चुकी है. इसमें चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं. ताजा आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में 20 प्रतिशत पुरुष और 25 प्रतिशत महिलाएं नॉन अल्कोहलिक फैटी लिवर की चपेट में हैं.

ये सभी मोटापे के शिकार हैं और इनको अभी रेड जोन में रखा गया है. अब स्वास्थ्य विभाग मोटापे से पीड़ित मरीजों के कमर की माप करने जा रहा है. जिससे बीमारी की अच्छे से पड़ताल की जा सके.

मध्य प्रदेश ही नहीं बल्कि देशभर में नॉन अल्कोहलिक फैटी लिवर तेजी से बढ़ती बीमारी है. इसीलिए केंद्र सरकार ने सभी राज्यों से इसकी समुचित जांच कराने के निर्देश दिए हैं. भोपाल जयप्रकाश अस्पताल के पूर्व अधीक्षक डॉ. आईके चुघ ने बताया कि “यदि पुरुषों की कमर 90 सेंटीमीटर और महिलाओं की 84 सेंटीमीटर से अधिक है. साथ ही उनकी दिनचर्या आलस से भरी है और उनका खानपान खराब है, तो ऐसे लोगों को सावधान रहने की जरुरत है. ऐसे लोग रेड जोन में हैं, इसलिए इनको विस्तृत जांच करानी चाहिए.”

डॉक्टरों ने बताया कि नॉन अल्कोहलिक फैटी लिवर के रेड जोन में जो लोग हैं, उनको हार्ट अटैक, ब्रेन सट्रोक, लिवर फैलियर, ब्लडप्रेशर, मानसिक तनाव और डायबिटीज जैसी बीमारियों होने का खतरा आम लोगों से अधिक होता है. हालांकि इसे कमर की माप कम करके टाला जा सकता है.

इसीलिए मध्य प्रदेश सरकार विश्व फैटी लिवर दिवस के अवसर पर पूरे प्रदेश में एक साथ 12,264 हेल्थ सेंटर पर लोगों के कमर की माप ली जाएगी. इस दौरान डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ इंची टेप लेकर अस्पताल पहुंचने वालों की जांच करेंगे.

30 साल से अधिक उम्र वालों के कमर की होगी जांच

नेशनल हेल्थ मिशनकर एमडी डॉ. सलोनी सिडाना ने बताया कि नॉन अल्कोहलिक फैटी लिवर की जांच का अभियान खासतौर पर 30 साल से अधिक उम्र के लोगों के लिए चलाया जा रहा है. इसमें जांच कराने आने वालेों की उंचाई, वजन और कमर की माप ली जाएगी.

मौके पर मौजूद डॉक्टर बता देंगे कि मरीज को फैटी लिवर की समस्या है या नहीं, यदि कोई समस्या होगी तो उसकी अलग जांच कर पूरा इलाज किया जाएगा.

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