रायबरेली: ग्राहकों को महंगाई से राहत पहुंचाने के लिए केंद्र सरकार की ओर जरूरत की वस्तुओं पर 18 प्रतिशत तक जीएसटी में बड़ी कटौती कर दी है, जिससे लोगों के जेब पर पड़ने वाला महंगाई का बोझ हल्का हो जाए. नवरात्र यानी सोमवार से नियम प्रभावी हो गया. इसमें सरकार ने पुराने माल को भी नए दर पर ही बेचने के लिए दिशा-निर्देश दिए हैं. इसका कितना पालन हो रहा है. इसकी हकीकत जानने के लिए बाजार में निकले. इसमें जीएसटी की नई दरों से उपभोक्ता अनजान नजर आए, वहीं व्यापारी पुराने रेट पर ही सामान बेचते मिले.
शहर के किराना की दुकानों पर त्योहार की वजह से भीड़ नजर आई. व्रत को लेकर लोग खरीदारी कर रहे थे. जीएसटी में कटौती पर सामान की दर में कमी के बारे में जानकारी ली गई तो अधिकांश ग्राहकों को पता ही नहीं था कि रेट कम हुआ है. उन्हाेंने बताया कि पुराने भाव पर ही मिला है. वहीं जो दुकानदार दावा कर रहे थे कि दाम कम करके बेचेंगे और स्टीकर लगा देंगे. ऐसा कुछ भी देखने को नहीं मिला. उपभोक्ताओं की उम्मीद थी कि साबुन, शैम्पू, टूथपेस्ट, पैक्ड फूड, कपड़ा, इलेक्ट्रॉनिक सामग्री और अन्य दैनिक उपयोग की वस्तुएं सस्ती होंगी, लेकिन बाजार में हालात उल्टे हैं.
अधिकतर दुकानदार पुराने स्टॉक का हवाला देकर घटे हुए दाम पर सामान देने से बच रहे हैं. उपभोक्ताओं का कहना है कि यह साफ तौर पर जीएसटी कटौती के लाभ से वंचित करने जैसा है. शहर के प्रमुख व्यापारियों ने बताया कि नया स्टॉक आने में अभी कुछ दिन का समय लगेगा. ऐसे में उपभोक्ताओं को फिलहाल किसी भी राहत की उम्मीद नहीं करनी चाहिए. वहीं, उपभोक्ताओं का कहना है कि व्यापारी जानबूझकर पुराने स्टॉक पर ही अड़े हुए हैं, ताकि जीएसटी कटौती का फायदा ग्राहकों तक न पहुंचे. कमोबेश पूरे जनपद के तहसील मुख्यालय की बाजार में यही हाल नजर आया.