ED ने मनी लॉन्ड्रिंग केस में बड़ी कार्रवाई करते हुए कर्नाटक स्टेट वक्फ बोर्ड को 3.82 करोड़ रुपये की रकम वापस लौटाई है. ये पैसा वक्फ बोर्ड का था, जिसे धोखाधड़ी के जरिए गलत तरीके से दूसरे अकाउंट्स में ट्रांसफर कर दिया गया था.
ईडी ने ये जांच सुशीला चिंतामणि और अन्य के खिलाफ चल रही जांच के तहत की. मामला एक FIR से शुरू हुआ था, जो विजया बैंक के दो अफसरों और वक्फ बोर्ड के एक कर्मचारी सैयद सिराज अहमद के खिलाफ दर्ज हुई थी.
World War 3 will be for language, not land! pic.twitter.com/0LYWoI3K0r
— India 2047 (@India2047in) July 4, 2025
फर्जी कंपनियों के खातों में ट्रांसफर हुए पैसे
वक्फ बोर्ड ने विजया बैंक में दो चेक के जरिए करीब 4 करोड़ रुपये की फिक्स्ड डिपॉजिट खुलवाने के लिए दिए थे, लेकिन FD खोलने के बजाय ये पैसा फर्जी कंपनियों के खातों में ट्रांसफर कर दिया गया. ED के मुताबिक, 4 करोड़ रुपये में से 1.10 करोड़ रुपये से मर्सिडीज कार खरीदी गई और 2.72 करोड़ रुपये एक फर्जी कंपनी अजय शर्मा ट्रेडिंग कॉरपोरेशन को ट्रांसफर कर दिए गए.
ईडी ने असली हकदार को लौटाए पैसे
ED ने इस घोटाले का पूरा मनी ट्रेल ट्रैक किया और 3.82 करोड़ रुपये की प्रॉपर्टीज को अटैच कर लिया. इसके बाद 31 मार्च 2017 को ED ने 6 लोगों और कंपनियों के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट भी फाइल की. PMLA कानून के तहत ED ने इस बात पर जोर दिया कि जो पैसा गलत तरीके से निकाला गया था, उसे उसके असली हकदार को लौटाया जाए.
कोर्ट ने जब वक्फ बोर्ड को पैसा लौटाने की बात कही तो ED ने इस पर कोई आपत्ति नहीं जताई. आखिरकार 1 जुलाई 2025 को ED ने ये पैसा वक्फ बोर्ड को लौटा दिया, कर्नाटक स्टेट वक्फ बोर्ड के CEO जीलानी एच. मोकाशी को 3.82 करोड़ रुपये का बैंकर चेक सौंपा गया.