मनेंद्रगढ़ वन मंडल के कुंवारपुर वन परिक्षेत्र के चांटी गांव में बुधवार को एक दर्दनाक घटना सामने आई। जंगल से भटककर गांव में पहुंचे एक चीतल की मौत हो गई। जानकारी के अनुसार, चीतल कुत्तों के झुंड से बचने के चक्कर में भागते-भागते एक निर्माणाधीन सेप्टिक टैंक में जा गिरा।
ग्रामीणों ने जैसे ही चीतल को संघर्ष करते देखा, तुरंत इसकी सूचना वन विभाग को दी। सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और ग्रामीणों की मदद से घंटों की मशक्कत के बाद चीतल को बाहर निकाला गया। हालांकि, लगातार डर और थकान से कमजोर हो चुके चीतल की जान बचाई नहीं जा सकी और कुछ ही समय बाद उसने दम तोड़ दिया।
ग्रामीणों का कहना है कि जंगल से भटककर जंगली जानवर आए दिन गांव में पहुंच जाते हैं, जिससे स्थानीय लोग भी भयभीत रहते हैं। चीतल के इस हादसे ने वन्यजीव संरक्षण को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं।
वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि चीतल को बचाने के लिए पूरी कोशिश की गई थी, लेकिन उसकी हालत इतनी बिगड़ चुकी थी कि उसे बचाना संभव नहीं हो पाया। विभाग ने घटना की रिपोर्ट तैयार कर ली है और आगे ऐसे हादसे न हों इसके लिए सुरक्षा उपायों पर विचार किया जा रहा है।
यह घटना न केवल वन्यजीवों की असुरक्षा को उजागर करती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि तेजी से बढ़ते रिहायशी इलाकों और घटते जंगलों के बीच जंगली जानवरों का संघर्ष कितना कठिन हो गया है। ग्रामीणों का मानना है कि अगर वन्यजीवों की सुरक्षा और उनके प्राकृतिक आवास की रक्षा के ठोस कदम नहीं उठाए गए तो इस तरह की घटनाएं बार-बार देखने को मिल सकती हैं।