पन्ना। मध्य प्रदेश के पन्ना शहर में शनिवार देर रात प्रशासन ने सरकारी जमीन पर वक्फ की संपत्ति बताकर बनाए गए जामिया उम्मूल खैर मदरसे को पूरी तरह ध्वस्त कर दिया। इससे पहले प्रशासन के नोटिस के बाद मदरसा संचालक ने खुद भवन का करीब एक-चौथाई हिस्सा गिरा दिया था। शेष हिस्से को जेसीबी की मदद से प्रशासन ने जमींदोज किया।
इस कार्रवाई को वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 लागू होने के बाद की पहल के रूप में देखा जा रहा है। हालांकि कलेक्टर ने इससे इंकार करते हुए इसे शिकायत आधारित जांच का नतीजा बताया है।
शिकायत ने खोली अवैध निर्माण की पोल
पन्ना वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष अब्दुल हमीद ने जिला प्रशासन से शिकायत की थी कि दारुल उलूम रजा-ए-गौस संस्था के संचालक अब्दुल रऊफ ने बाहर से आकर सरकारी जमीन को वक्फ का बताकर उस पर कब्जा किया।
शिकायत में कहा गया कि रऊफ ने फर्जी दस्तावेजों के जरिए अवैध निर्माण करवाया और मदरसे के नाम पर लाखों रुपये का चंदा इकट्ठा किया। आरोप है कि इस धन का इस्तेमाल वह निजी कार्यों के लिए करता था।
मदरसे से समाज विरोधी गतिविधियां संचालित होने और वैमनस्य फैलाने की कोशिशों का भी दावा किया गया। इस मदरसे में कक्षा एक से पांच तक के बच्चों को पढ़ाया जाता था।
प्रशासन की कार्रवाई और कलेक्टर का बयान
कलेक्टर सुरेश कुमार ने बताया कि शिकायत की जांच के बाद मदरसा संचालक को नोटिस जारी किया गया था। नोटिस के बाद संचालक ने भवन का एक हिस्सा स्वयं तोड़ दिया, लेकिन बाकी हिस्से को प्रशासन ने जेसीबी से ध्वस्त करवाया।
कलेक्टर ने स्पष्ट किया कि इस कार्रवाई का वक्फ संशोधन अधिनियम से कोई संबंध नहीं है। यह पूरी तरह शिकायत और जांच के आधार पर की गई कार्रवाई है। उन्होंने कहा कि राजस्व विभाग के रिकॉर्ड में यह जमीन सरकारी दर्ज है, जिसे गलत तरीके से वक्फ की संपत्ति बताया गया।