गोदामों में लगे ताले! अमेठी के किसानों को नहीं मिल रही खाद, प्रशासन दे रहा सिर्फ आश्वासन

अमेठी: खेतों की हरियाली पर इस बार संकट के बादल मंडरा रहे हैं. इसके पीछे की वजह खाद की भारी किल्लत है. अमेठी जिले के किसानों को इन दिनों अपनी फसल के लिए जरूरी डीएपी और यूरिया खाद के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है, लेकिन कहीं से राहत की कोई खबर नहीं है. जिले की अधिकांश साधन सहकारी समितियों में ताले लटक रहे हैं और किसानों की चिंता दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है.

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गांवों के किसान इन समितियों पर खाद के लिए निर्भर रहते हैं, लेकिन अब इन समितियों में ताले लगे हैं. कोई पूछने वाला नहीं, कोई सुनने वाला नहीं. किसानों का कहना है कि कई बार अधिकारियों से शिकायत कर चुके हैं, लेकिन अभी तक खाद की सप्लाई नहीं हो सकी है. किसी समिति पर अगर खाद मिल भी रही है, तो वह बेहद महंगे दामों पर मिल रही है.

किसानों के लिए सबसे बड़ी चिंता की बात यह है कि खेती का सीजन शुरू होते ही खाद की किल्लत सामने आ गई है. अमेठी के किसान महेश कुमार बताते हैं, “पिछले डेढ़-दो महीने से खाद की कमी है, शिकायतें की गईं. लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. हर बार ताले ही नजर आते हैं, हम जाएं तो कहां जाएं?”

किसानों के मुताबिक सबसे ज्यादा समस्या डीएपी खाद को लेकर है. डीएपी बाजार से पूरी तरह गायब है. कुछ किसान मंहगी दरों पर खाद लेने को मजबूर हैं, लेकिन सभी के लिए यह मुमकिन नहीं. किसान मायूस होकर खाली हाथ घर लौट रहे हैं.

इस मामले पर उप कृषि निदेशक सत्येंद्र कुमार का कहना है कि खाद की कमी को गंभीरता से लिया गया है. दुकानों पर निरीक्षण जारी है और जल्द ही नई रैक की डिमांड की गई है. उनका कहना है कि जल्द ही किसानों को खाद उपलब्ध कराई जाएगी. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यदि कोई दुकानदार खाद को महंगे दाम पर बेचता है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा.

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