डाटा अपडेशन में देरी होने पर कार्रवाई की चेतावनी, सभी डीडीओ को कड़े शब्दों में निर्देश जारी..

मध्य प्रदेश के उप मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने जिम्मेदार अधिकारियों को प्रदेश के सभी कर्मचारियों के डाटा को समय पर अपडेट करने के निर्देश दिये हैं. उन्होंने डाटा अपडेशन में देरी पर संबंधित डीडीओ की जिम्मेदारी तय करने की बात कही. उप मुख्यमंत्री ने कहा कि डाटा क्लीनिंग एक्सरसाइज एक सतत् प्रक्रिया है. इससे सेवानिवृत्त होने वाले, प्रतिनियुक्ति पर रहने वाले कर्मचारियों, मृत कर्मचारियों और अन्य विभिन्न स्थितियों में अन्य स्थानों पर कार्य करने वाले कर्मचारियों का डाटा अपडेट किया जाता है.

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हालांकि उन्होंने ये भी बताया कि प्रदेश के कर्मचारियों का डाटा सत्यापन किया गया है. अभी तक कोई भी कर्मचारी संदिग्ध नहीं पाया गया है. किसी भी कर्मचारी को किसी भी प्रकार से कोई भी आर्थिक लाभ नियमों के विपरीत नहीं मिला है. उप मुख्यमंत्री देवड़ा ने बताया कि डाटा क्लीन करने की प्रक्रिया के बाद IFMIS NEXT GEN मे Data Migration करना सुविधाजनक होगा. इससे शुद्ध डाटा की फीडिंग हो सकेगी.

SFIC डाटा परीक्षण कार्य जारी

उप मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में आयुक्त कोष एवं लेखा द्वारा गठित स्टेट फाइनेंशियल इंटेलिजेंस सेल (SFIC) द्वारा विभिन्न डाटा सेट्स का परीक्षण तथा विश्लेषण निरंतर हो रहा है. सरकार द्वारा सुशासन के दृष्टिगत की जाने वाली कार्यवाही में IFMIS डाटा से संज्ञान में आया कि प्रदेश में 36 हजार 26 नियमित, 8 हजार 784 गैर नियमित कुल मिलाकर 44 हजार 810 कर्मचारियों का वेतन आहरित नहीं किया गया है.

शासन स्तर से वेतन आहरण नहीं होने के कारणों का पता लगाने के लिए निर्देश जारी किए गए. संभावित कारणों की पड़ताल होने पर जांच में सामने आया कि त्यागपत्र देने वाले कर्मचारी, सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारी, प्रतिनियुक्ति पर जाने वाले कर्मचारी, बगैर एम्पलाई कोड वाले कर्मचारी और मृत कर्मचारियों का डाटा समय पर अपडेट नहीं होने से कर्मचारियों का डाटा मिसमेच हुआ है.

कोई संदिग्ध कर्मचारी नहीं मिला

शासन स्तर से इनकी वास्तविक संख्या ज्ञात करते हुए IFMIS में DDO तथा कोषालय अधिकारी स्तर से डेटाबेस में आवश्यक अपडेट कराने के उद्देश्य से समस्त DDO से जानकारी कोषालय अधिकारियों के माध्यम से एकत्रित कर भविष्य में सभी प्रविष्टियां समय पर करने के निर्देश दिए गए हैं.

आयुक्त कोष एवं लेखा ने बताया कि प्रथम दृष्टया DDO से सत्यापन उपरांत जानकारी विश्लेषण करने पर अभी तक कोई संदिग्ध कर्मचारी परिलक्षित नहीं हुआ है. समस्त DDO को एम्पलाई कोड के समक्ष उपयुक्त flagging करने तथा एग्जिट एंट्री इत्यादि के माध्यम से डेटाबेस अद्यतन करने के निर्देश दिए गए हैं.

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