एअर इंडिया हादसे का कारण बना ‘डबल इंजन फेलियर’? जांच में सामने आई हैरान करने वाली रिपोर्ट

पिछले दिनों गुजरात के अहमदाबाद में हुए एअर इंडिया प्लेन क्रैश मामले में नया अपडेट आया है. Bloomberg की रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि एअर इंडिया के पायलटों ने फ्लाइट सिम्युलेटर में एयरक्राफ्ट के पैरामीटर को फिर से दोहराया और तकनीकी खराबी को हादसे के पीछे संभावित कारण के रूप में पहचाना गया है.

हालांकि, AI 171 प्लेन के दुर्घटनाग्रस्त होने के पीछे की वास्तविक वजह अभी तक सामने नहीं आ सकी है. सिमुलेशन के हिस्से के रूप में, पायलटों ने लैंडिंग गियर को तैनात रखा और विंग फ्लैप को वापस खींच लिया. हालांकि, यह पाया गया कि हादसे के पीछे की वजह सिर्फ ये नहीं हो सकती. एअर इंडिया ने सामने आए तथ्यों पर किसी तरह की बयानबाजी करने से इनकार कर दिया है. एअर इंडिया के प्रवक्ता ने इंडिया टुडे को बताया, “ये अटकलें हैं और हम इस वक्त कोई टिप्पणी नहीं कर सकते.”

सिमुलेशन में क्या मिला?

बोइंग 787 ड्रीमलाइनर के मलबे की तस्वीरों से पता चला कि फ्लैप्स एक्सटेंड हुए थे और पीछे नहीं हटे थे, जैसा कि अनुमान लगाया गया था. जब प्लेन की स्पीड धीमी होती है, तब फ्लैप्स टेक-ऑफ और लैंडिंग के दौरान विमान को जरूरी एक्स्ट्रा लिफ्ट देते हैं.

लंदन जाने वाली फ्लाइट अहमदाबाद में उड़ान भरने के कुछ सेकंड के अंदर एक मेडिकल कॉलेज कैंपस के पास हादसे का शिकार हो गई, जिससे प्लेन में सवार 242 यात्रियों और क्रू मेंबर्स में से एक को छोड़कर सभी की मौत हो गई और जमीन पर मौजूद 34 अन्य लोग मारे गए. कई एक्सपर्ट्स ने इस बात की पुष्टि की है कि टेक्निकल फेलियर ही हादसे के पीछे की एक वजह हो सकता है.

दोनों इंजन फेल होने की वजह से हुआ हादसा?

एविएशन एक्सपर्ट और पूर्व अमेरिकी नौसेना पायलट कैप्टन स्टीव शेबनर ने कहा कि इस हादसे के पीछे की वजह डुअल इंजन फेलियर हो सकती है. इंडिया टुडे के साथ एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि उड़ान भरने के तुरंत बाद रैम एयर टर्बाइन (RAT) का खुलना डुअल इंजन फेलियर की तरफ इशारा करता है. यह सिमुलेशन विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) द्वारा की जा रही आधिकारिक जांच से अलग आयोजित किया गया था. सूत्रों ने ब्लूमबर्ग को बताया कि यह संभावित कारणों का पता लगाने के लिए किया गया था.

एअर इंडिया के पायलटों द्वारा किए गए क्रैश फुटेज के एनालिसिस से पता चला कि लैंडिंग गियर आगे की ओर झुका हुआ था, जिससे पता चलता है कि पहियों का पीछे हटना शुरू हो गया था. उस वक्त, लैंडिंग-गियर के दरवाज़े नहीं खुले थे, जिसके बारे में पायलटों ने कहा कि यह इशारा करता है कि प्लेन में बिजली की कमी या हाइड्रोलिक फेलियर हुआ था, जो इंजन में समस्या की ओर इशारा करता है.

हादसे का शिकार हुए एअर इंडिया प्लेन के ब्लैक बॉक्स से डेटा का एनालिसिस मौजूदा वक्त में दिल्ली में AAIB की लैब में चल रहा है. इससे यह पता चलेगा कि हादसे का क्या क्रम था यानी स्टेप बाय स्टेप क्या-क्या हुआ. इसके साथ ही यह भी बताएगा कि दोनों इंजनों की पॉवर एक साथ क्यों खत्म हो गई.

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