स्कूल के लंच बॉक्स में नॉन-वेज लाने के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने छात्रों के हक में फैसला सुनाया है, जिन्हें उनके स्कूल से कथित तौर पर टिफिन में मांसाहारी भोजन लाने की वजह से स्कूल से निकाल दिया था. यह आदेश बच्चों की मांग सबरा की याचिका पर दिया गया है.
दरअसल, अमरोह के एक स्कूल प्रिंसिपल ने तीन नाबालिक छात्रों को टिफिन में नॉन-वेज लाने की वजह से स्कूल से निकाल दिया था. इसके बाद बच्चों की मां ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. इलाहाबाद हाईकोर्ट में दायर याचिका में याचिकाकर्ता ने स्कूल प्रिंसिपल के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की थी.
उन्होंने आरोप लगाया कि स्कूल के प्रिंसिपल ने बच्चों के स्कूल में मांसाहारी भोजन लाने पर आपत्ति जताई और उनके बच्चों को गलत तरीक से स्कूल से निकाला है. याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति सिद्धार्थ और न्यायमूर्ति एससी शर्मा की बेंच ने इस मामले में पर फैसला सुनाया है.
याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने अमरोहा के जिलाधिकारी को निर्देश दिया कि वे दो सप्ताह के अंदर बच्चों को सीबीएसई से संबद्ध किसी अन्य स्कूल में दाखिला दिलाएं और अदालत के समक्ष अनुपालना का हलफनामा दाखिल करें. याचिकाकर्ता के वकील ने दलील दी कि स्कूल के इस कदम से बच्चों के शिक्षा के अधिकार का हनन हुआ है.
17 दिसंबर को दिए गए अपने आदेश में अदालत ने कहा कि अगली सुनवाई 6 जनवरी, 2025 को होगी. कोर्ट ने कहा, “अगर जिलाधिकारी, अमरोहा द्वारा कोई हलफनामा दाखिल नहीं किया जाता है, तो उन्हें अगली तारीख को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होना होगा.”