हाल ही में दुबई (Dubai) में बसने का प्लान बना रहे लोगों के लिए एक बड़ी और अच्छी खबर आई थी. दरअसल रिपोर्ट्स में कहा गया था कि अब सिर्फ 23 लाख रुपये में संयुक्त अरब अमीरत की ओर से वहां बसने के लिए भारतीयों को लाइफटाइम गोल्डन वीजा (UAE Golden Visa) दिया जाएगा, लेकिन खबर झूठी निकली और ये हम नहीं कह रहे, बल्कि खुद यूएई के रयाद ग्रुप ने इस तरीके से जनता गुमराह करने के लिए माफी मांगी है.
रायद ने गलत जानकारी की जिम्मेदारी ली
दुबई स्थित निजी फर्म रायद ग्रुप (Rayad Group) ने बुधवार को स्टेटमेंट जारी करते हुए जनता से माफी मांगी है. इसके साथ ही दुबई में लाइफटाइम बसने के लिए संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) गोल्डन वीजा नियमों में बदलाव (UAE Golden Visa Rule Change) के बारे में मीडिया में गलत जानकारी प्रसारित करने के लिए पूरी जिम्मेदारी ली है. बीते दिनों आईं रिपोर्ट्स पर नजर डालें, तो इस नई पॉलिसी के तहत भारतीयों के लिए प्रोसेस का जिम्मा यूएई सरकार की ओर से रयाद ग्रुप को ही सौंपा गया था.
World War 3 will be for language, not land! pic.twitter.com/0LYWoI3K0r
— India 2047 (@India2047in) July 4, 2025
वीजा की खबरों ऐसे मांगी माफी
एकमुश्त शुल्क देकर आजीवन यूएई गोल्डन वीजा दिए जाने को लेकर वायरल दावों (Viral News) के के केंद्र में यही रायद ग्रुप था और अब इसने ये भ्रामक जानकारी फैलाने की जिम्मेदारी स्वीकार कर ली है. इसके साथ ही संयुक्त अरब अमीरात सरकार की ओर से भी इस तरह के प्रस्तावों के अस्तित्व से इनकार किया गया है. समूह ने आगे कहा कि बयानों में UAE Golden Visa Program के संबंध में उनके इरादे, सर्विस के दायरे या अधिकारों की लिमिट को सही ढंग से प्रतिबिंबित नहीं किया गया है.
ग्रुप की ओर से जारी बयान में आगे कहा गया है कि इस मामले में पूरी स्पष्टता के साथ दोहराना जरूरी है कि फिलहाल कोई गारंटीकृत वीजा, एकमुश्त चार्ज प्रोग्राम कार्यक्रम या आजीवन यूएई निवास की सुविधा मौजूद नहीं है और Rayad Group ऐसी किसी भी सर्विस की पेशकश, भागीदारी में शामिल नहीं है औऱ न ही समर्थन करता है. एक औऱ बड़ा कदम उठाते हुए ग्रुप ने कहा कि इस तरह के पैदा हुए भ्रम के चलते वह गोल्डन वीजा के लिए निजी सलाहकार सेवाएं भी बंद कर रहा है.
कौन सा ऑफर हो रहा था Viral?
बता दें कि रायद समूह के हवाले से हाल ही में जारी रिपोर्टों में बताया गया था कि यूएई सरकार की ओर से नया गोल्डन वीजा जारी किया जा रहा है, जो लगभग 23.30 लाख रुपये के एकमुश्त भुगतान पर आजीवन निवास की परमिशन देता है. इसके बाद इन खबरों के वायरल होने के बाद बुधवार को यूएई के संघीय पहचान, नागरिकता, सीमा शुल्क और बंदरगाह सुरक्षा प्राधिकरण (आईसीपी) ने इनका खंडन किया. ICP के मुताबिक, सभी गोल्डन वीजा एप्लीकेशन को विशेष रूप से आधिकारिक चैनलों के माध्यम से संभाला जाता है. आईसीपी ने झूठे दावे फैलाने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की चेतावनी भी दी.
बिना निवेश या ट्रेड लाइसेंस के Visa का वादा
इस संबंध में आई पिछली रिपोर्ट पर नजर डालें, तो उसमें कहा जा रहा था UAE में बसने के लिए एक नए तरीके का नॉमिनेशन बेस्ड गोल्डन वीजा शुरू किया गया है, इसके तहत अब तक लागू नियमों की तरह देश में प्रॉपर्टी या बिजनेस में बड़ा इन्वेस्टमेंट करने की अनिवार्यता नहीं होगी.
बता दें कि दुबई का गोल्डन वीजा (Dubai Golden Visa) पाने के लिए करोड़ों रुपये की जरूरत होती है और वहां बसने के लिए किसी संपत्ति में निवेश करना जरूरी था और वो भी ऐसी प्रॉपर्टी जिसकी वैल्यू 2 मिलियन AED (4.66 करोड़ रुपये) हो. लेकिन, नई नॉमिनेशन बेस्ड वीजा पॉलिसी के तहत भारतीयों को 1,00,000AED (लगभग 23.30 लाख रुपये) का शुल्क देकर आजीवन यूएई गोल्डन वीजा देने का दावा किया जा रहा था.