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देखें Digital Arrest का लाइव वीडियो, पुलिस के रौब और सजा के खौफ में सरेंडर कर देते हैं लोग

साइबर क्रिमिनल्स लोगों को ठगने के लिए कई तरीकों का इस्तेमाल करते हैं. इन दिनों Digital Arrest Scam काफी चर्चा में है. इस तरह के स्कैम में फ्रॉडस्टर्स लोगों को टारगेट करते हैं, उन्हें आधार कार्ड के मिस यूज या फर्जी नंबर के नाम पर डराते हैं और फिर उन्हें डिजिटल अरेस्ट करते हैं.

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इस तरह के अरेस्ट में ये लोग फर्जी पुलिस वाले बनकर लोगों की सुनवाई भी करते हैं. फिर उन्हें गिरफ्तारी का डर दिखाकर उगाही करते हैं. ऐसा ही कुछ एक शख्स के साथ हुआ है, जिसमें स्कैमर्स ने उन्हें फंसाने की कोशिश की है. इस पूरी घटना को शख्स ने रिकॉर्ड कर लिया और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर शेयर किया है.

स्टेप-1: TRAI के नाम पर आती है कॉल
विजय पटेल नाम के एक X यूजर (Vijaygajera) ने इस घटानी की पूरी रिकॉर्डिंग शेयर की है. उन्होंने बताया कि उन्हें एक अनजान नंबर से कॉल आती है. कॉलर उन्हें बताता है कि उनका मोबाइल नंबर अगले 4 घंटे में ब्लॉक कर दिया जाएगा क्योंकि उसका इस्तेमाल फ्रॉड में हुआ है. स्कैमर ने TRAI के नाम पर ये कॉल की थी.

स्टेप-2: वॉट्सऐप पर बयान दर्ज करने का दिया जाता है विकल्प
स्कैमर ने विजय को 12 घंटे के अंदर लखनऊ पुलिस स्टेशन पहुंचने के लिए कहा. उन्हें WhatsApp Video Call पर स्टेटमेंट रजिस्टर कराने का ऑप्शन भी दिया गया. किसी भी सामान्य शख्स की तरह विजय ने दूसरा विकल्प चुना, जिसके बाद उन्हें एक WhatsApp Video Call आती है.

स्टेप-3: पुलिस यूनिफॉर्म में स्कैमर की आती है वीडियो कॉल
इस कॉल में एक शख्स पुलिस की यूनिफॉर्म में नजर आता है. उसके पीछे का बैकग्राउंड भी किसी पुलिस अधिकारी के ऑफिस जैसा होता है. ये फर्जी पुलिस अधिकारी बयान रिकॉर्ड करने की कार्रवाई शुरू करता है.

स्टेप-4: आसपास का लेता है जायजा
कोई विजय के साथ मौजूद ना हो इसका पता लगाने के लिए वो उनसे 360 डिग्री व्यू दिखाने के लिए कहता है. इसके बाद वो विजय के आधार कार्ड की इक्वायरी शुरू करता है.

 

स्टेप-5: सुप्रीम कोर्ट के नाम से आता है डॉक्यूमेंट
आधार कोर्ड की जानकारी लेने के बाद वो उन्हें बताया है कि कैसे आधार का मिस यूज हो रहा है. इतने देर में स्कैमर्स उन्हें वॉट्सऐप पर ही सुप्रीम कोर्ट के नाम से एक डॉक्यूमेंट भी भेजते हैं, जिससे मामला और ज्यादा गंभीर लगे.

स्टेप-6: पुलिस हेडक्वार्टर में जांच के लिए दी जाती है डिटेल
अगले स्टेप में वो विजय के बारे में पड़ताल करने के लिए वॉकी-टॉकी का इस्तेमाल करके फर्जी पुलिस हेडक्वार्टर में संपर्क भी करता है. इस पर वो विजय की तमाम डिटेल्स शेयर करता है और उन्हें इस बारे में पता करने के लिए करता है.

स्टेप- 7: धमकाना शुरू करता है पुलिस वाला
इसके बाद वो विजय को धमाकने की कोशिश करने लगता है. स्कैमर उन्हें बताया है कि उनका कनेक्शन नवाब मलिक से मनी लॉन्ड्रिंग में मिला है. इस तरह से वे विजय के बैंक अकाउंट की जानकारी मांगता है. इस तरह के मामले में स्कैमर्स लोगों को डराकर उनसे बैंक अकाउंट की डिटेल्स लेते हैं.

स्टेप- 8: बैंक डिटेल्स मांगी जाती है
इसके बाद वो ये जानने की कोशिश करता है कि क्या विजय UPI ऐप का इस्तेमाल करते हैं या फिर नेट बैंकिंग की, जिसके बाद वे पैसे ट्रांसफर के लिए कह सके.

 

स्टेप-9: DCP को ट्रांसफर की जाती है कॉल
स्कैमर इस कॉल को DCP को ट्रांसफर करता है, जो बताता है कि विजय को बैंक अकाउंट में मौजूद सभी पैसों को उनके बैंक में ट्रांसफर करना होगा. इसके बाद ही उन्हें बेगुनाह होने का सर्टिफिकेट मिलेगा.

स्टेप-10: मामले का होता है खुलासा
हालांकि, जैसे ही स्कैमर को पता चलता है कि विजय को उनके प्लान का पता चल गया है. वे उनसे बदतमीजी करने लगता है. इस तरह के मामले में स्कैमर्स को जैसे ही इस बात का अंदाजा लगता है कि उनके बारे में सामने वाले को पता चल गया है तो वे गाली देकर फोन रख सकते हैं.

इस तरह के स्कैम वाली कोई कॉल आपके पास भी आ सकती है. इसलिए आपको इस पूरे मामले को सावधानी से समझना चाहिए और भविष्य में कभी भी इस तरह के स्कैम कॉल्स पर अपनी कोई जानकारी साझा नहीं करनी चाहिए.

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