छत्तीसगढ़ की जीवनदायिनी महानदी में जलस्तर तेजी से गिर रहा है। इससे आसपास के गांवों में पीने के पानी की समस्या गंभीर हो गई है।
बलौदा बाजार जिले के अमेठी, रीवाशरार, पिपरछेड़ी, दोनाझार समेत 14 गांवों के लोग परेशान हैं। गांवों के तालाब और कुएं सूख चुके हैं। इससे लोगों को दैनिक जरूरतों के लिए पानी नहीं मिल पा रहा है।
दोनाझार गांव की स्थिति सबसे ज्यादा चिंताजनक है। यहां के निवासी खोरबाहरा, अमरसिंह, मनहरण, दर्शन समेत कई ग्रामीणों ने बताया कि पानी की भारी किल्लत है।
ग्रामीणों का कहना है कि जल स्रोतों के सूखने से पशुओं को भी पानी नहीं मिल पा रहा है। अगर जल्द ही महानदी में पानी नहीं छोड़ा गया तो स्थिति और बिगड़ सकती है। इससे कृषि और पशुपालन पर भी असर पड़ेगा।
सभी गांवों के निवासियों ने प्रशासन से महानदी में तुरंत पानी छोड़ने की मांग की है। गर्मी के मौसम में जलस्तर और नीचे जाने की आशंका है। ऐसे में समय रहते कदम नहीं उठाए गए तो लोगों की परेशानी और बढ़ सकती है।
प्रशासन से त्वरित कार्रवाई की अपील
ग्रामीणों ने स्थानीय प्रशासन और जल संसाधन विभाग से अनुरोध किया है कि महानदी में जल्द से जल्द पानी छोड़ा जाए, ताकि जल संकट से निपटा जा सके। उनका कहना है कि पहले भी गर्मी के मौसम में प्रशासन द्वारा पानी छोड़ा जाता रहा है, जिससे लोगों को राहत मिलती थी। इस बार भी अगर समय रहते उचित कदम नहीं उठाए गए, तो हजारों लोगों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा।
अमेठी एनीकेट सूखने से वाटरलेवल गिरा निस्तार की समस्या बढ़ी
अमेठी एनीकेट में पानी नहीं होने से महानदी के निचले हिस्से पहले ही सुख गया है और आसपास के गांव में वॉटर लेवल काफी नीचे चला गया है, जिससे गर्मी के दिनों ग्रामीणों को निस्तार की पानी के लिए भटकना पड़ेगा ।
ग्रामीणों ने की महानदी में पानी छोड़ने की मांग, ईई
जल संसाधन विभाग के कार्यपालन अभियंता (EE) एनके पांडेय ने बताया कि महानदी किनारे बसे ग्रामीण निस्तार के लिए पानी छोड़े जाने की मांग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सिरपुर मेले के दौरान महानदी में पानी छोड़ा गया था, लेकिन वह जल्द ही सूख गया। इस समस्या के समाधान के लिए उच्च अधिकारियों को अवगत कराया जाएगा और जल्द से जल्द आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।