कांकेर: छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले के परलकोट क्षेत्र के पीवी 133 में स्थित जलाशय के बांध में दरार पड़ चुकी है. जलाशय से बड़ी तेजी से पानी निकल रहा है, इससे बांध के टूटने का खतरा मंडरा रहा है. इस खतरे को देखते हुए कई गांव के लोग चिंता में पड़ गए हैं. कई लोग अपना जरूरी सामान लेकर गांव छोड़ने की तैयारी कर रहे हैं.
डैम में 3 साल पहले पड़ी थी दरार: गांव वालों के मुताबिक जलाशय में 3 साल पहले दरार पड़ चुकी थी. पिछले कई दिनों से क्षेत्र में लगातार बारिश हो रही है.इससे जलाशय का जलस्तर बढ़ गया है. जिससे बांध टूटने की कगार पर है. दरार पर दवाब बढ़ते ही विभाग की तरफ से रिपेयरिंग के नाम पर की गई लीपापोती बीते रात को ढह गयी. जैसे ही ग्रामीणों को इसकी जानकारी लगी तो सब इकट्ठे होकर जलाशय के पास पहुंच गए. कुछ ग्रामीण घरों में रखा अनाज और जरुरी सामान ट्रैक्टर में भरकर सुरक्षित स्थानों की ओर जाने लगे हैं.
जलाशय के दरार से पानी निकलने के बारे में सुबह 4 बजे पता चला. पिछले तीन साल से डैम में दरार के बारे में जनदर्शन कार्यक्रम में भी बताया गया. पिछले साल ज्यादा बारिश नहीं होने के कारण कोई परेशानी नहीं हुई. लेकिन इस बार अच्छी बारिश हुई जिससे डैम लबालब भरा हुआ है. बांध टूटने से 133 गांवों के साथ कई निचले इलाकों में पानी भर जाएगा.- स्थानीय
डैम टूटने से बहुत नुकसान होगा. हजारों लोगों के जान माल का नुकसान होगा. बोला जा रहा है कि जेसीबी पहुंच रहा है लेकिन अब तक कुछ भी काम शुरू नहीं हुआ हैं.- स्थानीय
मामूली रिपेयरिंग से डैम के दरार को भरने की कोशिश: विभाग को जानकारी लगते ही सिंचाई विभाग के एसडीओ और इंजीनियर मौके पर पहुंचे. पखांजूर सिंचाई विभाग के टी एस कंवर का कहना है कि दरार से पानी निकल रहा है. लकड़ी या मिट्टी से भरी बोरी भरकर इसे भरने की कोशिश की जाएगी. पिछले साल रिपेयरिंग का काम किया था. इस साल भी गर्मी के दिनों में बांध में रिपेयर का काम शुरू किया गया.
ग्रामीण और सिंचाई विभाग मिलकर डैम का दरार भरने की कोशिश कर रहा है. दरार का आकार धीरे-धीरे बढ़ रहा है. ऐसे में यदि जल्द से जल्द दरार को नहीं भरा गया तो बांध कभी भी टूट सकता है.